भोपाल : औसत से ज्यादा बारिश और विदाई के बाद भी मॉनसून एमपी पर फिदा है. रविवार को रतलाम, मंदसौर, नीमच सहित मालवा के कई इलाकों में भारी बारिश हुई. वहीं मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए 27 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है. मॉनसून की विदाई के बाद की ये बारिश किसानों के लिए चिंता का सबब भी बन गई है. दरअसल, मालवा अंचल में हुई अचानक बारिश सोयाबीन पर कहर बनकर टूटी है.
आज इन जिलों में बारिश के आसार
मौसम विभाग के लेटेस्ट बुलेटिन के मुताबिक सोमवार 14 अक्टूबर को बुरहानपुर, खंडवा, अलीराजपुर, झाबुआ, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, बैतूल, खरगोन, बड़वानी, धार, हरदा, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, पांढुर्ना, सीहोर, नर्मदापुरम, शिवपुरी, जबलपुर, मंडला और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है. इस दौरान बिजली गिरने और कुछ इलाकों में आंधी चलने की भी संभावान है. वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत, ग्वालियर व बाकी हिस्सों में धूप खिली रहेगी.
20 अक्टूबर से ठंडी होंगी रातें
मौसम विभाग के मुताबिक 15 अक्टूबर तक हल्की बारिश के बाद ये सिलसिला पूरी तरह से थम जाएगा. इसके बाद 20 अक्टूबर से मध्यप्रदेश में रात के मौसम में ठंडक महसूस होने लगेगी. माना जा रहा है कि दिवाली तक रात के तापमान में खासी गिरावट देखने को मिलेगी और इसके बाद गुलाबी ठंड का एहसास होने लगेगा.
मॉनसून की विदाई के बाद क्यों हो रही बारिश?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर के साथ बंगाल की खाड़ी और उससे सटे भूमध्यरेखीय हिंद महासागर में उच्च दबाव के चलते साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन राह है, जिसकी वजह से बंगाल की खाड़ी से कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इसी के असर से मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मौसम का मिजाज बदला-बदला सा है.
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किसानों के सोयाबीन पर आफत की बारिश
रतलाम के आंबा, शेरपुर और कुआझागर में बारिश से सोयाबीन की फसल में नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि 100 से 120 दिन में पककर तैयार होने वाली लंबी अवधि की सोयाबीन की फसल की हार्वेस्टिंग इन दिनों चल रही है. जहां रविवार को हुई बे-मौसम बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल में नुकसान हुआ है. वहीं, मटर और लहसुन की जल्दी बुवाई कर चुके किसानों को भी तेज बारिश की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है. किसान सतपाल चौधरी ने बताया, '' पहले भी सोयाबीन में हुए नुकसान का अब तक सर्वे नहीं हुआ और दोबारा बारिश में सोयाबीन की फसल भीग गई है और अंकुरित होने लगी है.'' इसे लेकर कृषि विभाग उपसंचालक नीलम सिंह ने कहा, '' कृषि विभाग और राजस्व विभाग की टीम फील्ड में सोयाबीन फसल के उत्पादन और उसमें हुए नुकसान का आकलन एवं सर्वे कर रही है. वहीं, खेत में जल भराव की वजह से फसल में हुए नुकसान के लिए बीमा कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर किसान अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.''