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एमपी में खुले बोरवेल को लेकर विधेयक पास, खनन से पहले लेनी होगी अनुमति, शिकायत करने पर मिलेगा इनाम - MP Borewell Bill Pass

खुले पड़े बोलवे और नलकूप को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने विधेयक को पास कर दिया है. इस विधेयक में अब नलकूप या बोरवेल खनन से पहले अनुमति लेनी होगी. साथ ही खुले बोरवेल की शिकायत करने वाले को इनाम भी दिया जाएगा.

MP BOREWELL BILL PASS
एमपी में खुले बोरवेल को लेकर विधेयक पास (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 9:59 PM IST

भोपाल। प्रदेश में खुले बोरवेल में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए विधानसभा में मध्य प्रदेश खोले नलकूप में इंसानों की गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक को पास कर दिया गया है. अब नलकूप खनन के पहले अनुमति लेनी होगी. इसके लिए जल्द ही एक वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा. नलकूप को खुला छोड़ने पर ₹10000 और ₹25000 का जुर्माना भरना होगा. दुर्घटना होने या मृत्यु होने पर संबंधित भूमि स्वामी और ड्रिल करने वाली कंपनी से बचाओ रात में होने वाले खर्च की राशि वसूला जाएगा.

ड्रिलिंग अभिकरण का गठन

राज्य सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक में प्रावधान किया गया है कि नलकूप खनन में होने वाली घटना के लिए ड्रिलिंग अभिकरण का गठन किया जाएगा. नलकूप खनन के पहले इस अभिकरण से अनुमति लेनी होगी. इसके लिए एक वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा. जिसमें नलकूप खनन के स्थान पर खनन करने वाली कंपनी का नाम और भूमि स्वामी के बारे में पूरा ब्यौरा उपलब्ध होगा. अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि निष्क्रिय नलकूप और और वोरबेल को आगामी 3 माह के अंदर भूमि स्वामी को बंद करना होगा. जिले के सक्षम अधिकारी को नलकूप के क्षेत्र का निरीक्षण करने और दुर्घटना रोकने के उपाय करने के अधिकार होंगे.

यहां पढ़ें...

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कोई भी व्यक्ति कर सकेगा शिकायत

जिलाधिकारी ऐसे खुले बोरवेल या नलकूप के संबंध में या तो खुद ही संज्ञान ले सकेगा, या किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत करने पर उस पर कार्रवाई सकेगा. शिकायत सही पाए जाने पर शिकायतकर्ता को इनाम भी दिया जाएगा. भूमि स्वामी यदि बोरवेल को बंद नहीं करता तो उसको बंद करने पर आने वाला खर्च भूमि स्वामी से ही वसूला जाएगा. यदि बोरवेल में कोई दुर्घटना होती है तो भू स्वामी और बोरवेल खनन करने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि बोरवेल खुला छोड़ने पर सबसे पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया जाएगा. पहली बार अपराध के लिए 10 हजार रुपए का जुर्माना और इसके बाद भी अपराध करने पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. यदि बोरवेल में कोई घटना होती है तो बचाओ कार्य में आने वाले खर्च की राशि संबंधित भूमि स्वामी और संबंधित कंपनी से वसूली जाएगी.

भोपाल। प्रदेश में खुले बोरवेल में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए विधानसभा में मध्य प्रदेश खोले नलकूप में इंसानों की गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक को पास कर दिया गया है. अब नलकूप खनन के पहले अनुमति लेनी होगी. इसके लिए जल्द ही एक वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा. नलकूप को खुला छोड़ने पर ₹10000 और ₹25000 का जुर्माना भरना होगा. दुर्घटना होने या मृत्यु होने पर संबंधित भूमि स्वामी और ड्रिल करने वाली कंपनी से बचाओ रात में होने वाले खर्च की राशि वसूला जाएगा.

ड्रिलिंग अभिकरण का गठन

राज्य सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक में प्रावधान किया गया है कि नलकूप खनन में होने वाली घटना के लिए ड्रिलिंग अभिकरण का गठन किया जाएगा. नलकूप खनन के पहले इस अभिकरण से अनुमति लेनी होगी. इसके लिए एक वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा. जिसमें नलकूप खनन के स्थान पर खनन करने वाली कंपनी का नाम और भूमि स्वामी के बारे में पूरा ब्यौरा उपलब्ध होगा. अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि निष्क्रिय नलकूप और और वोरबेल को आगामी 3 माह के अंदर भूमि स्वामी को बंद करना होगा. जिले के सक्षम अधिकारी को नलकूप के क्षेत्र का निरीक्षण करने और दुर्घटना रोकने के उपाय करने के अधिकार होंगे.

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कोई भी व्यक्ति कर सकेगा शिकायत

जिलाधिकारी ऐसे खुले बोरवेल या नलकूप के संबंध में या तो खुद ही संज्ञान ले सकेगा, या किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत करने पर उस पर कार्रवाई सकेगा. शिकायत सही पाए जाने पर शिकायतकर्ता को इनाम भी दिया जाएगा. भूमि स्वामी यदि बोरवेल को बंद नहीं करता तो उसको बंद करने पर आने वाला खर्च भूमि स्वामी से ही वसूला जाएगा. यदि बोरवेल में कोई दुर्घटना होती है तो भू स्वामी और बोरवेल खनन करने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि बोरवेल खुला छोड़ने पर सबसे पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया जाएगा. पहली बार अपराध के लिए 10 हजार रुपए का जुर्माना और इसके बाद भी अपराध करने पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. यदि बोरवेल में कोई घटना होती है तो बचाओ कार्य में आने वाले खर्च की राशि संबंधित भूमि स्वामी और संबंधित कंपनी से वसूली जाएगी.

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