ग्वालियर। जिले के शासकीय उच्च माध्यमिक उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक एक मुरार में पढ़ने वाली छात्रा दिव्या भिलवार ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में प्रदेश में पांचवा स्थान प्राप्त किया है. पांचवी रैंक के साथ 482 अंक हासिल किए हैं. प्रदेश में ग्वालियर का नाम रोशन करने वाली दिव्या का रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही उनके परिवार और गुरुजनों में खुशी का माहौल है. ईटीवी भारत ने जब दिव्या और उनके परिवार से बात की तो टॉप फाइव में शामिल हुई दिव्या ने बताया कि 'उन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है.'
रिजल्ट देखते ही खुशी से चीख पड़ी थी दिव्या
दिव्या ने बताया कि जब उन्होंने रिजल्ट देखा वह खुशी से चीख पड़ी, क्योंकि उनका नाम प्रदेश की मेरिट लिस्ट में शामिल था. घर में माता-पिता और भाई तीनों भी बहुत खुश हुए थे. इस बात की बहुत खुशी थी, क्योंकि वह बहुत दिनों से अपने रिजल्ट का इंतजार कर रही थी. उन्होंने मेरिट में आने के लिए बहुत मेहनत की थी. उन्होंने बताया कि वह हर रोज यह पता करने की कोशिश करती थी कि आखिर रिजल्ट कब आने वाला है.
'मेरिट में स्थान पाने के लिए की पूरी मेहनत'
12वीं की बोर्ड परीक्षा में प्रदेश के लाखों बच्चों को पछाड़कर मेरिट लिस्ट में टॉप फाइव में अपना नाम बनाने वाली दिव्या भीलवार से जब हमने पूछा कि उन्होंने इसकी तैयारी कैसे की तो उन्होंने बताया कि, " 12वीं की परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी पढ़ाई का एक अच्छा शेड्यूल बनाया था. पूरी मेहनत से लगातार पढ़ाई की है. अच्छे रिजल्ट की उम्मीद के साथ मैंने कम से कम गैप रखा. इस वर्ष तो कहीं घूमने भी नहीं गए, क्योंकि इस बार यह लक्ष्य रखा था की 12वीं की परीक्षा में मेरिट लिस्ट में अपना नाम लाना ही लाना है. जिसके लिए मेरे शिक्षकों ने बहुत अच्छे से मार्गदर्शन दिया.
पढ़ाई के बीच ब्रेक लेने का समय निकालना जरूरी
पढ़ाई का बोझ बच्चों के मानसिक परिस्थितियों पर असर डालता है. एक थकान पैदा करता है ऐसे में छात्रों के लिए यह बहुत जरूरी होता है कि वह अपनी मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखें. ऐसे में जब हमने दिव्या से पूछा कि क्या उन्होंने पढ़ाई के बीच खेलकूद के लिए भी समय निकाला, तो इस बात का जवाब देते हुए दिव्या भिलवर ने बताया कि, उन्होंने हर रोज छत पर टहलने के लिए समय निकाला, क्योंकि पढ़ते-पढ़ते थकावट होने लगती है और ऐसे में टहलने से आपको शुद्ध हवा और अच्छा वातावरण मिलता है. जो आपकी थकान को दूर करता है.
परीक्षा तैयारी में टाइम मैनजमेंट सबसे बड़ा मंत्र
दिव्या ने तो मेरिट में अपनी जगह बना ली लेकिन आज भी कई ऐसे छात्र हैं. जो अगले साल इस परीक्षा में बैठेंगे. उन बच्चों के लिए दिव्या ने कुछ टिप्स भी बताए उन्होंने कहा कि हर छात्र अपने हिसाब से प्रिपरेशन करता है, लेकिन जो परीक्षा के तीन घंटे में अच्छे से लिख पाता है, अपना टाइम अच्छे से मैनेज कर पाता है. वही आगे सफलता हासिल कर पाता है, शुरू में त्रैमासिक और अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं में भी उनके 1 साथ इसी तरह की समस्या होती थी, क्योंकि वह समय सीमा में उत्तर पूरे नहीं कर पाती थी लेकिन वार्षिक परीक्षा में उन्होंने यह बहुत अच्छे तरीके से किया. उन्होंने हर प्रश्न के लिए समय सीमा निर्धारित की थी और वह घड़ी देखकर अपने प्रश्नों के उत्तर लिखती गई.
बेटी की उपलब्धि से बहुत खुश हैं पिता
दिव्या के पिता एक सब्जी व्यापारी हैं. वह मंडी में छोटे व्यापारियों को सब्जियां उपलब्ध कराते हैं, लेकिन आज उनकी खुद की बेटी ने प्रदेश में उनका नाम अपनी उपलब्धि से रोशन कर दिया है. दिव्या के पिता राजेश भिलवार अपनी बेटी के 12वीं के परीक्षा परिणाम से बहुत खुश हैं, वह कहते हैं उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि उनकी बेटी 12वीं की परीक्षा में प्रदेश में इतने अच्छे नंबर लेकर आई है.
पढ़ाई बाधित न हो इसलिए मां ने घर के कामों से रखा दूर
मां बच्चे की पहली गुरु होती है, जो उसे जीवन के पाठ पढ़ती है. उसे सफलता की ओर बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है. ठीक यही भूमिका दिव्या की मां ने भी निभाई ईटीवी भारत ने जब दिव्या की मां से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने हमेशा अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया है. वह उसे हमेशा पढ़ने के लिए समय देती थी. उन्होंने उसकी पढ़ाई में किसी तरह का व्यवधान ना आए, इसलिए उसे घर के कामों से दूर रखा.
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आईएएस बनना चाहती हैं दिव्या
दिव्या भिलवार ने 12वीं की परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन आगे शिक्षा के क्षेत्र में एक लंबा समय गुजरा बाकी है. अपना एक भविष्य तय करना बाकी है. इसके बारे में बताते हुए दिव्या ने कहा कि वह अब सी यू ई टी एग्जाम की तैयारी करेंगे. जिसके जरिए उन्हें 12वीं के बाद कॉलेज और यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल सकेगा. इसके बाद वे यूपीएससी की तैयारी करेंगी, क्योंकि आगे चलकर वे एक आईएएस अफसर बनना चाहती हैं.