भोपाल। बंगले की डिमांड को भी सियासी दांव कहा जाए क्या. एमपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने के बाद भोपाल में बंगला आवंटित होना है. खास बात ये है कि सिंघार ने 74 बंगला स्थित उसी B-9 बंगले की मांग की है जो मामा का घर ही नहीं पूर्व सीएम शिवराज का दफ्तर भी है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बाकायदा इसके लिए सीएम मोहन यादव को चिट्ठी लिखी है. उधर, उमंग सिंगार की इस मांग के बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता का फिर बयान आया है कि मेरे पिता कैलाश जोशी की स्मारक बनवाना भूल गए शिवराज जी ने अपने लिए दो बंगले घेर लिए.
बी-9 बंगला ही क्यों भाया सिंघार को...
उमंग सिंघार ने सीएम मोहन यादव को लिखी चिट्ठी में इस बंगले को उन्हें आवंटित किए जाने के पीछे की भावनात्मक वजह भी बताई है. सिंघार ने इस चिट्ठी में लिखा है कि "ये बंगला प्रदेश की पहली महिला उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय जमुना देवी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते वर्षों आवंटित रहा. वे आदिवासी समुदाय की नेता होने के साथ मेरी बुआ भी थीं और बचपन से मैंने उन्हें इस बी–9 शासकीय आवास में दिन रात प्रदेश के सर्वहारा वर्ग के लिए जुटे हुए देखा है." सिंघार ने आगे लिखा कि "भावनात्मक रूप से मेरा इस बंगले से लगाव भी है. इसीलिए आपसे अनुरोध है कि मुझे उक्त शासकीय आवास आवंटित कर अनुग्रहित करें."
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मामा का घर है अब बी -9 बंगला
उमंग सिंघार ने सीएम मोहन यादव के सामने जिस बंगले की मांग रखी है इस बंगले से फिलहाल शिवराज सिंह चौहान का कार्यालय लगता है. शिवराज के पहले ये बंगला बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और खंडवा सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के नाम था. अब उमंग सिंघार के बयान के बाद कांग्रेस नेता दीपक जोशी ने भी सवाल उठाया है और शिवराज पर आरोप लगाते हुए कहा कि "शिवराज जी ने हाटपिपल्या में मेरे पिता कैलाश जोशी के स्मारक की घोषणा के बाद भी उसे नहीं बनने दिया. लेकिन विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चों की मंशा के अनुरूप दो बंगले घेर लिए."