हंगामे के बीच मध्य प्रदेश नगर पालिका संसोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश स्थानीय प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2024. मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन अपराध संशोधन विधेयक 2024 के प्रस्ताव पारित हुए. बिना चर्चा के लिए 6 विधेयक पारित हुए. इसके बाद बुधवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
एमपी विधानसभा में बिना चर्चा के 6 विधेयक पारित, बुधवार तक के लिए कार्यवाही स्थगित - MP Assembly Monsoon Session 2024 - MP ASSEMBLY MONSOON SESSION 2024
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Jul 2, 2024, 2:55 PM IST
|Updated : Jul 2, 2024, 6:57 PM IST
मध्य प्रदेश में 1 जुलाई से विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हुई. मंगलवार यानि आज सत्र का दूसरा दिन है. पहले दिन विधानसभा में कांग्रेस विधायक एप्रिन पहनकर सदन पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर विरोध जताया है. कांग्रेस ने सदन के अंदर जोर-शोर से नर्सिंग घोटाले का मुद्दा उठाया. वहीं संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यह कहते हुए इस मुद्दे पर बहस करने से इंकार कर दिया है, नर्सिंग घोटाला का मुद्दा हाईकोर्ट में है. विपक्ष के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सत्र को आज मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया था. वहीं आज 11 बजे फिर सदन की कार्यवाही शुरु हुई.
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बुधवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित
कैलाश विजयवर्गीय और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा ऐसे कैसा चलेगा सदन
मध्य प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री ने विधानसभा में हंगामें के बाद कहा कि नियमों का हर हाल में पालन सभी विधायकों को करना चाहिए. अगर ऐसा ना हुआ तो सदन चलागा बेदह मुश्किल होगा. पक्ष और विपक्ष को लेकर कैलाश विजयवर्गीय बेदह तल्ख अंदाज में कहा कि यही स्थिति बनी रही अध्यक्ष को हस्तक्षेप हर हाल में करना ही होगा. मामले में मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का कहना था कि विपक्षी दल के नेता को हर सूरत में सदन की गरिमा को मेंटेन करना चाहिए.
नर्सिंग घोटाले की जांच के लिए स्वतंत्र जांच कमेटी बनाने की मांग
बीजेपी सरकार में गड़बड़ी के रास्तों को बंद किया. 3 साल में 509 नर्सिंग कॉलेज को बनने से रोका गया. CBI जांच में जो 66 कॉलेज अनसूटेबल मिले उनमें से 40 कॉलेज कॉन्ग्रेस सरकार के समय के है. उमंग सिंगार ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा कि यदि विश्वास सारंग की नीयत साफ है तो इस्तीफा देकर इसकी स्वतंत्र जांच करा लें. विधानसभा की स्वतंत्र जांच कमेटी बनाई जाए और इस मामले की जांच कराई जाए.
कांग्रेस शासन में मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के लिए नियम बदले
453 कॉलेज को नर्सिंग कॉलेजों को कॉन्ग्रेस ने मान्यता दी थी, उसमें से 150 नर्सिंग कॉलेज भौतिक सत्यापन में फेल हुए हैं जिन्हें बंद किया गया है. कांग्रेस ने सरकार में आने के बाद नर्सिंग कॉलेज के नियम बदल दिए. इसमें खुद के भवन की शर्त को बदल दिया और किराए के भवन का नियम लागू किया. कांग्रेस सरकार में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता ऑफलाइन थी, जिसे बीजेपी सरकार में ऑनलाइन किया ताकि कागजों में हेरफेर ना हो सके.
कमलनाथ के सीएम रहते नर्सिंग घोटाने का खेल खेला गया- विश्वास सारंग
सदन गवाह है कि कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, 20 मार्च को कमलनाथ सरकार अपनी सरकार बचाने में जुटी थी और 20 मार्च को ही 153 कॉलेज को तत्कालीन कांग्रेस की मंत्री ने मान्यता दी थी. सरकार जाते जाते कांग्रेस की मंत्री ने कई कॉलेजों को मान्यता दे दी. कांग्रेस ने 15 महीने की सरकार में 214 कॉलेज को मानयता दी गई. जयवर्धन सिंह की बड़ी इज्जत करता था मुझे लगता था कि वे पढ़ लिखकर ही बात करेंगे, उन्होंने कहा कि मान्यता के लिए मैंने पत्र लिखा. लेकिन यह नहीं समझ पा रहे कि मान्यता और संबद्धता क्या होती है, दोनो अलग विषय हैं.
सिंघार की मांग- तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग इस्तीफा दें. घोटाले की सर्वदलीय जांच कराई जाए
विश्वास सारंग ने कहा कि मैं, किंग भाई, उम्मीद भाई और जयवर्धन अच्छे परिवार से हैं लेकिन राजनीति का स्तर इस लेवल पर पहुंच जाए कि उस बात के लिए मुझे दोषी ठहराया जाए जिसके लिए मैं दोषी नहीं हूं. कोई भी फाइल मेडिकल कॉउंसिल की सरकार के पास नहीं आती. विपक्ष पढ़कर तो आ जाता. जिसने इस मुद्दे का आगाज किया उसे समझकर आ जाते. अधिकारी को हटाया, उसका मेरे पास पत्र है. सुनीता शीजू ने कांग्रेस के समय ही कॉलेजों को मान्यता दी थी.
कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा की कार्यावाही से आरोप स्पंज करने की मांग की
मध्य प्रदेश के पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर कैलाश विजयवर्गीय ने आज सदन में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के नेताओं के आरोपों को नकारा. साथ ही कहा कि कुछ विपक्षी विधायकों के आरोप आपत्तिजनक हैं. उन्होने जयवर्धन सिंह के आरोपों पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होने जो बोलने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से परमिशन ली है अगर ऐसा ना हुआ तो उनका आरोप स्पंज कर दिया जाना चाहिए.
उमंग सिंघार ने सदन में कहा नर्सिग घोटाला के लिए नियम बदले
प्रदेश के हजारों छात्रों को नही पता था जिस कॉलेज में एडमिशन ले रहे है वो फर्जी है. नर्सिग घोटाला के लिए नियम बदले गए. 2020-21 में सबसे ज्यादा नर्सिग कॉलेज खोले गए. चार अधिकारी और मंत्री नर्सिग कांउन्सलर चला रहे थे. काउंसिल चलाने का अधिकार नही है. काउंसिल का कंट्रोल अवैध तरीके से लिया गया. सिंघार का आरोप काउंसिल में धारा 31 का दुरुपयोग किया गया. जब नर्सिग काउंसिल में घोटाला नही हुआ था तो धारा 31 के तहत काउंसिल को टेकओवर क्यो किया. कोर्ट ने कोई रोक नही लगाई की मंत्री या विभाग की जांच नही हो सकती. नर्सिग काउंसिल की एमपी में धज्जियां उठा दी गई. मंत्री के संरक्षण के बिना घोटाला संभव नही है.
जयवर्धन सिंह ने नर्सिंग स्कैम मामले में सरकार और सीबीआई को घेरा
राघोगढ़ सीट से एमएलए और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह विधानसभा में नर्सिंग जांच को लेकर सवाल दागा. उन्होने पूछा कि इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पर भी एक्शन लिया जाएगा या नहीं? जयवर्धन ने आरोप लगाया कि सीबीआई का अफसर ही जब बेदाग नहीं तो किसी और के क्या कहने. उन्होने राज्य के शिक्षा मंत्री से जानकारी के साथ ही उन्हे सदन में अपना स्टेटमेंट देने की मांग की.
- मध्य प्रदेश की 31801 बच्चियां और महिलाएं लापता
- सदन में सरकार के जवाब से हुआ खुलासा
-
लोक निर्माण विभाग द्वारा नवीन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में 40 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कों में कहीं भी कोई गड्ढा और खराब सड़क की शिकायत ऐप के माध्यम से मिलेगी, उसका विभाग द्वारा 7 दिनों में समाधान किया जाएगा : CM@DrMohanYadav51#DrMohanYadav #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/BOikuoJ2aC
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 2, 2024
हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित
- हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित
- हंगामे के बीच विपक्ष ने किया वॉक आउट
- इसके बाद सदन की कार्रवाई 15 मिनिट के लिए स्थगित
विधानसभा गूंजा राहुल गांधी के बयान का मुद्दा
- मध्य प्रदेश के विधानसभा में आज राहुल गांधी के बयान का मुद्दा जमकर गूंजा, इस मामले में सुबह से ही विधायकों ने अपनी बात रखनी शुरु कर दी. इस मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी का बयान काफी आपत्तिजनक था. इसकी आलोचना होनी चाहिए.
- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने उठाया मुद्दा
-
इटेलियन माँ का बेटा और फिरोज खान का पोता कान खोलकर सुन ले...#RameshwarSharma #RsSpeaks pic.twitter.com/YlE8dIwq5x
— Rameshwar Sharma (@rameshwar4111) July 2, 2024
मध्य प्रदेश में 1 जुलाई से विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हुई. मंगलवार यानि आज सत्र का दूसरा दिन है. पहले दिन विधानसभा में कांग्रेस विधायक एप्रिन पहनकर सदन पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर विरोध जताया है. कांग्रेस ने सदन के अंदर जोर-शोर से नर्सिंग घोटाले का मुद्दा उठाया. वहीं संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यह कहते हुए इस मुद्दे पर बहस करने से इंकार कर दिया है, नर्सिंग घोटाला का मुद्दा हाईकोर्ट में है. विपक्ष के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सत्र को आज मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया था. वहीं आज 11 बजे फिर सदन की कार्यवाही शुरु हुई.
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बुधवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित
हंगामे के बीच मध्य प्रदेश नगर पालिका संसोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश स्थानीय प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2024. मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन अपराध संशोधन विधेयक 2024 के प्रस्ताव पारित हुए. बिना चर्चा के लिए 6 विधेयक पारित हुए. इसके बाद बुधवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
कैलाश विजयवर्गीय और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा ऐसे कैसा चलेगा सदन
मध्य प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री ने विधानसभा में हंगामें के बाद कहा कि नियमों का हर हाल में पालन सभी विधायकों को करना चाहिए. अगर ऐसा ना हुआ तो सदन चलागा बेदह मुश्किल होगा. पक्ष और विपक्ष को लेकर कैलाश विजयवर्गीय बेदह तल्ख अंदाज में कहा कि यही स्थिति बनी रही अध्यक्ष को हस्तक्षेप हर हाल में करना ही होगा. मामले में मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का कहना था कि विपक्षी दल के नेता को हर सूरत में सदन की गरिमा को मेंटेन करना चाहिए.
नर्सिंग घोटाले की जांच के लिए स्वतंत्र जांच कमेटी बनाने की मांग
बीजेपी सरकार में गड़बड़ी के रास्तों को बंद किया. 3 साल में 509 नर्सिंग कॉलेज को बनने से रोका गया. CBI जांच में जो 66 कॉलेज अनसूटेबल मिले उनमें से 40 कॉलेज कॉन्ग्रेस सरकार के समय के है. उमंग सिंगार ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा कि यदि विश्वास सारंग की नीयत साफ है तो इस्तीफा देकर इसकी स्वतंत्र जांच करा लें. विधानसभा की स्वतंत्र जांच कमेटी बनाई जाए और इस मामले की जांच कराई जाए.
कांग्रेस शासन में मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के लिए नियम बदले
453 कॉलेज को नर्सिंग कॉलेजों को कॉन्ग्रेस ने मान्यता दी थी, उसमें से 150 नर्सिंग कॉलेज भौतिक सत्यापन में फेल हुए हैं जिन्हें बंद किया गया है. कांग्रेस ने सरकार में आने के बाद नर्सिंग कॉलेज के नियम बदल दिए. इसमें खुद के भवन की शर्त को बदल दिया और किराए के भवन का नियम लागू किया. कांग्रेस सरकार में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता ऑफलाइन थी, जिसे बीजेपी सरकार में ऑनलाइन किया ताकि कागजों में हेरफेर ना हो सके.
कमलनाथ के सीएम रहते नर्सिंग घोटाने का खेल खेला गया- विश्वास सारंग
सदन गवाह है कि कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, 20 मार्च को कमलनाथ सरकार अपनी सरकार बचाने में जुटी थी और 20 मार्च को ही 153 कॉलेज को तत्कालीन कांग्रेस की मंत्री ने मान्यता दी थी. सरकार जाते जाते कांग्रेस की मंत्री ने कई कॉलेजों को मान्यता दे दी. कांग्रेस ने 15 महीने की सरकार में 214 कॉलेज को मानयता दी गई. जयवर्धन सिंह की बड़ी इज्जत करता था मुझे लगता था कि वे पढ़ लिखकर ही बात करेंगे, उन्होंने कहा कि मान्यता के लिए मैंने पत्र लिखा. लेकिन यह नहीं समझ पा रहे कि मान्यता और संबद्धता क्या होती है, दोनो अलग विषय हैं.
सिंघार की मांग- तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग इस्तीफा दें. घोटाले की सर्वदलीय जांच कराई जाए
विश्वास सारंग ने कहा कि मैं, किंग भाई, उम्मीद भाई और जयवर्धन अच्छे परिवार से हैं लेकिन राजनीति का स्तर इस लेवल पर पहुंच जाए कि उस बात के लिए मुझे दोषी ठहराया जाए जिसके लिए मैं दोषी नहीं हूं. कोई भी फाइल मेडिकल कॉउंसिल की सरकार के पास नहीं आती. विपक्ष पढ़कर तो आ जाता. जिसने इस मुद्दे का आगाज किया उसे समझकर आ जाते. अधिकारी को हटाया, उसका मेरे पास पत्र है. सुनीता शीजू ने कांग्रेस के समय ही कॉलेजों को मान्यता दी थी.
कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा की कार्यावाही से आरोप स्पंज करने की मांग की
मध्य प्रदेश के पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर कैलाश विजयवर्गीय ने आज सदन में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के नेताओं के आरोपों को नकारा. साथ ही कहा कि कुछ विपक्षी विधायकों के आरोप आपत्तिजनक हैं. उन्होने जयवर्धन सिंह के आरोपों पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होने जो बोलने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से परमिशन ली है अगर ऐसा ना हुआ तो उनका आरोप स्पंज कर दिया जाना चाहिए.
उमंग सिंघार ने सदन में कहा नर्सिग घोटाला के लिए नियम बदले
प्रदेश के हजारों छात्रों को नही पता था जिस कॉलेज में एडमिशन ले रहे है वो फर्जी है. नर्सिग घोटाला के लिए नियम बदले गए. 2020-21 में सबसे ज्यादा नर्सिग कॉलेज खोले गए. चार अधिकारी और मंत्री नर्सिग कांउन्सलर चला रहे थे. काउंसिल चलाने का अधिकार नही है. काउंसिल का कंट्रोल अवैध तरीके से लिया गया. सिंघार का आरोप काउंसिल में धारा 31 का दुरुपयोग किया गया. जब नर्सिग काउंसिल में घोटाला नही हुआ था तो धारा 31 के तहत काउंसिल को टेकओवर क्यो किया. कोर्ट ने कोई रोक नही लगाई की मंत्री या विभाग की जांच नही हो सकती. नर्सिग काउंसिल की एमपी में धज्जियां उठा दी गई. मंत्री के संरक्षण के बिना घोटाला संभव नही है.
जयवर्धन सिंह ने नर्सिंग स्कैम मामले में सरकार और सीबीआई को घेरा
राघोगढ़ सीट से एमएलए और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह विधानसभा में नर्सिंग जांच को लेकर सवाल दागा. उन्होने पूछा कि इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पर भी एक्शन लिया जाएगा या नहीं? जयवर्धन ने आरोप लगाया कि सीबीआई का अफसर ही जब बेदाग नहीं तो किसी और के क्या कहने. उन्होने राज्य के शिक्षा मंत्री से जानकारी के साथ ही उन्हे सदन में अपना स्टेटमेंट देने की मांग की.
- मध्य प्रदेश की 31801 बच्चियां और महिलाएं लापता
- सदन में सरकार के जवाब से हुआ खुलासा
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लोक निर्माण विभाग द्वारा नवीन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में 40 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कों में कहीं भी कोई गड्ढा और खराब सड़क की शिकायत ऐप के माध्यम से मिलेगी, उसका विभाग द्वारा 7 दिनों में समाधान किया जाएगा : CM@DrMohanYadav51#DrMohanYadav #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/BOikuoJ2aC
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 2, 2024
हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित
- हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित
- हंगामे के बीच विपक्ष ने किया वॉक आउट
- इसके बाद सदन की कार्रवाई 15 मिनिट के लिए स्थगित
विधानसभा गूंजा राहुल गांधी के बयान का मुद्दा
- मध्य प्रदेश के विधानसभा में आज राहुल गांधी के बयान का मुद्दा जमकर गूंजा, इस मामले में सुबह से ही विधायकों ने अपनी बात रखनी शुरु कर दी. इस मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी का बयान काफी आपत्तिजनक था. इसकी आलोचना होनी चाहिए.
- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने उठाया मुद्दा
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इटेलियन माँ का बेटा और फिरोज खान का पोता कान खोलकर सुन ले...#RameshwarSharma #RsSpeaks pic.twitter.com/YlE8dIwq5x
— Rameshwar Sharma (@rameshwar4111) July 2, 2024