भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के पहले दिन की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण के बाद गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने कहा कि ''अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा ने पूरे देश को भक्तिमय माहौल में सराबोर कर दिया है. वहीं प्रदेश सरकार ने चित्रकूट, ओरछा और राम पथ गमन के लिए प्रतिबद्ध होकर काम शुरू कर दिया है.'' राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद राज्यपाल ने अभिभाषण को बीच में ही रोक दिया. बाद में अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया गया.
विपक्ष ने लहराई बीजेपी के संकल्प पत्र की प्रतियां
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी के चुनावी संकल्प पत्र की प्रति दिखाते हुए कहा कि ''सदन में राज्यपाल से झूठ बुलवाया जा रहा है. सरकार ने चुनाव के दौरान जो किसानों, युवाओं, महिलाओं को लेकर जो वादे किए थे, उसका इस अभिभाषण में कोई जिक्र ही नहीं है. सरकार अभिभाषण के जरिए सिर्फ अपना बखान कराने में जुटी है.'' इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी.
अभिभाषण में संकल्प पत्र का जिक्र नहीं
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि ''बीजेपी ने वादा किया था कि किसानों का गेहूं 2700 और धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी जाएगी. लाड़ली बहनों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे, लेकिन अभिभाषण में इसका जिक्र ही नहीं है.'' विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यपाल ने अपना अभिभाषण बीच में ही रोक दिया. राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया गया. अभिभाषण पर चर्चा के लिए 9 और 12 फरवरी का दिन तय किया गया है.
राज्यपाल ने गिनाई सरकार की प्राथमिकताएं
उधर इसके पहले विधानसभा राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. राज्यपाल ने केन-बेतवा लिंक और चंबल-सिंघ परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि ''प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी. चित्रकूट एवं ओरछा सहित प्रदेश की सीमाओं में संपूर्ण राम वन गमन पथ के विकास के लिए सरकार ने प्रतिबद्ध होकर काम शुरू कर दिया है. प्रदेश में जहां-जहां भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े, उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा. राज्य सरकार ने संकल्प 2023 में को लेकर तेज गति से काम शुरू कर दिया है. इस वित्तीय वर्ष में 56 हजार 256 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा गया है. केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की 724 किलोमीटर लंबी 24 सड़क परियोजनाओं की सौगात मिली है.''