भोपाल। किसी भी प्रदेश में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी सबसे बढ़िया जरिया है. तभी तो मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने 6 एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की है. यह कहना गलत नहीं होगा कि अब मध्य प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा. यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश को कई राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ेगा. इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से रियल स्टेट, लॉजिस्टिक पार्क, पर्यटन और कृषि जैसे क्षेत्रों में वृद्धि देखने को मिलेगी. आइये जानते हैं कौन से वे 6 एक्सप्रेस-वे हैं.
नर्मदा प्रगति पथ
नर्मदा प्रगति एक्सप्रेस-वे सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. यह सड़क अमरकंटक से शुरू होकर गुजरात की सीमा तक जाएगी. यह 900 किमी लंबा एक्सप्रेस वे अमरकंटक, डिंडौरी, शाहपुरा, नर्मदापुरम, जबलपुर, बड़वाह और अलीराजपुर को जोड़ेगा.
मालवा निमाड़ विकास पथ
यह एक्सप्रेस-वे 450 किलोमीटर लंबा होगा. जो मंदसौर, उज्जैन, इंदौर और बुरहानपुर को जोड़ेगा. इसे इंदौर-धार-अलीराजपुर कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाएगा. साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर यह एक्सप्रेस-वे काफी अहम है.
अटल प्रगति पथ
इसे चंबल एक्सप्रेस वे के नाम से भी जाना जाएगा. यह 299 किमी का लंबा एक्सप्रेस वे होगा. जो भिंड, मुरैना और श्योपुर को जोड़ेगा. यह मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर गुजरेगा.
मध्य भारत विकास पथ
यह एक्सप्रेस वे 746 किमी लंबा होगा. जो सीधी, सतना, रीवा, पन्ना, कटनी और सिंगरौली कॉरीडोर के नाम से जाना जाएगा. यह एक्सप्रेस वे प्रदेश के कई शहरों को जोड़कर राज्य की कनेक्टिविटी में क्रांति लाएगा.
बुंदेलखंड विकास पथ
यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला 330 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है. इस एक्सप्रेस वे से व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. यह झांसी-ललितपुर-देवास-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम जाना जाएगा.
विंध्य एक्सप्रेस-वे
यह एक्सप्रेस-वे 676 किमी लंबा होगा. जो भोपाल, दमोह, कटनी, रीवा, सीधी और सिंगरौली को जोड़ेगा. यह एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश के विकास को गति देगा.