कुशीनगर : जिले के बरवापट्टी थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि निजी अस्पताल में प्रसव के बाद संचालक ने प्रसूता व नवजात को बंधक बना लिया. अस्पताल का बिल चुकाने के लिए आर्थिक तंगी से परेशान पिता को अपने 2 साल के मासूम को 20 हजार रुपये में बेचना पड़ गया. मामला सार्वजनिक होने के बाद पुलिस अधीक्षक और डीएम कुशीनगर ने मौके पर पहुंचकर त्वरित कार्रवाई की. जिसके बाद बच्चे की सकुशल बरामदगी करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस के मुताबिक, बरवापट्टी थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाला एक युवक 4 बेटे और 2 बेटियों का पिता है. युवक ने बताया कि गर्भवती होने पर पत्नी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. प्रसव के बाद महिला ने एक बेटी को जन्म दिया. आरोप है कि अस्पताल संचालक ने चार हजार रुपए की मांग की. पैसा देने में असमर्थ होने पर संचालक ने पत्नी को जबरन रोक लिया और पैसे देने के बाद छोड़ने की बात कही. युवक का आरोप है कि आर्थिक तंगी की परेशानी के चलते दो वर्षीय मासूम को बेचने का फैसला लिया.
युवक ने बताया कि तमकुहीराज के एक व्यक्ति को उसने फर्जी गोदनामा बनाकर महज 20 हजार में बच्चे को बेच दिया. जिसके बाद अस्पताल का चार हजार रुपए बिल देकर प्रसूता और नवजात को छुड़वाया. युवक का आरोप है कि इस दौरान एक सिपाही ने कार्रवाई का डर दिखाकर उससे 5 हजार रुपए ले लिए. घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस परिवार को गरीबी ने इस कदर जकड़ा है कि इन्हें अपना बच्चा बेचना पड़ा है. कुशीनगर डीएम उमेश मिश्रा ने बताया कि फर्जी गोदनामा के आधार पर बच्चा गोद लिया गया था. पता चलते ही सीडब्ल्यूसी को बुला लिया गया है. बच्चा मिल गया है और दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने इस मामले में अमरेश यादव, भोला यादव, तारा कुशवाहा समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
एसपी संतोष मिश्रा ने बताया कि मामले की सूचना हमें रात में ही मिली थी. अभियान चलाकर पुलिस ने बच्चा बरामद कर लिया है और मुकदमा पंजीकृत कराकर 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामले में एक सिपाही का भी नाम आया था, उसको लाइन हाजिर करके जांच कराई जा रही है. अगर जांच में वह और दोषी पाया जाता है तो उस पर भी कार्रवाई कराई जाएगी.