मुरैना। जिले में बीते तीन दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश के चलते नदी नालों में उफान आ गया है. जिसके चलते एक दर्जन से अधिक गांव का नजदीकी शहरों से संपर्क कट गया है. इस दौरान कुछ लोग लापरवाही बरतते हुए पानी में डूबी सड़कों से आवाजाही कर रहे हैं. ऐसे में लोग हादसों को दावत दे रहे हैं. पुलियों में दो से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है. लोग जान पर खेलकर पुलियों से निकल रहे हैं. ऐसे में अगर तेज बहाव आ जाए तो बड़ा हादसा भी हो सकता है.
25 गांवों का टूटा संपर्क
ऐसा ही नजारा शनिवार को कैलारस-पहाड़गढ़ क्षेत्र से बहने वाली सोन नदी की पुल पर देखने को मिला. सोन नदी जौरा सिकरौदा के पास से निकली है. उसे पार करने के लिए पुल बना हुआ है. बारिश के चलते नदी में आई बाढ़ से पुल पानी में डूब गया है. जिससे 25 गावों का रास्ता बंद हो गया है. इस दौरान जान जोखिम में डालकर ग्रामीण पुल को पार कर रहे हैं.
नालों के 3 फीट ऊपर बह रहा पानी
जिले के ऊपरी इलाके में बीते रोज से ही रुक रुक कर बारिश हो रही है. जिसके चलते सोन नदी में उफान आ गया है. यही वजह है कि, सोन नदी से जुड़े नालों में भी उफान जैसे हालात बने हुए हैं. कैलारस कस्बे के पास ब्रह्मा बजाने से कैलारस को जोड़ने वाले नाले की बात की जाए या फिर पंडोला से कैलाश को जोड़ने के रास्ते की बात की जाए या बात हो फिर अरोदा से कैलारस आने की इन सभी नालों के 3 फीट ऊपर पानी बह रहा है.
पिछले साल ट्रैक्टर सहित बह गया था एक व्यक्ति
कई जगह तो लोग पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ब्रह्म बाजना के रपटे पर तो लोग इतनी लापरवाही बरत रहे हैं कि 2 फीट ऊपर पानी में होकर नाला पार कर रहे हैं. कुछ लोग पानी के बीच से बाइक और वाहनों को निकाल रहे हैं. ऐसे में थोड़ा सा पानी का बहाव अगर तेज हो जाए तो एक बड़ा हादसा भी हो सकता है. बता दें कि पिछले साल भी बारिश के मौसम में लापरवाही बरतने के कारण एक व्यक्ति ट्रैक्टर सहित तेज बहाव में बह गया था. जिस वजह से उसकी मौत हो गई थी.
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रपटों पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं
पिछले चार से पांच घंटे से नालों के ऊपर से पानी बह रहा है, लेकिन अभी तक ना तो प्रशासन की कोई टीम यहां पहुंची है और ना ही बैरिकेडिंग की गई है. जिस वजह से भी लोग लापरवाह बने हुए हैं. इस मामले में ADM सीबी प्रसाद का कहना है कि "जिले भर में हो रही रुक रुक कर बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि SDM को निर्देशित कर रहा हूं कि वहां सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं और ग्रामीणों से अनुरोध है की अपनी जान जोखिम न डालकर पानी से न निकले."