मुरैना : मुरैना पुलिस लाइन में एसएएफ की द्वितीय व 5 वीं बटालियन की कंपनी के शास्त्रागार में 6-7 दिसंबर की रात को ताले तोड़कर 268 कारतूस चोरी हुए. इस मामले में ड्यूटी आरक्षक रामलखन डंडौतिया की शिकायत पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया. पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने इस मामले में आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को तत्काल सस्पेंड करने के निर्देश दिए. अब इस मामले में एक और खुलासा हुआ है कि एक जवान की रायफल भी चोरी हुई है.
शास्त्रागार से कांस्टेबल की निजी रायफल भी चोरी
कारतूस चोरी की घटना के तीसरे दिन एसएएफ के जवान ने अधिकारियों को बताया कि शस्त्रागार में उसकी 315 बोर की माउजर भी रखी थी. सरकारी क्वार्टर में सुरक्षा नहीं होने की वजह से उसने अपनी रायफल शास्त्रागार में रख दी थी. अधिकारियों के निर्देश पर इस मामले की शिकायत कोतवाली थाने में की गई है. कोतवाली पुलिस ने रायफल चोरी का मामला दर्ज कर लिया है. ऐसी चर्चा है कि यही एक रायफल चोरी नहीं हुई, बल्कि कई बंदूकें चोरी हुई हैं. मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी गोपाल धाकड़ के नेतृत्व में तीन टीमें लगाई गई हैं.
- मुरैना पुलिस लाइन से स्पेशल फोर्स के 200 कारतूस उड़ा ले गए चोर, चंबल से भोपाल तक बवाल
- मुरैना पुलिस लाइन से किसने चुराए कारतूस, 2 कंपनी कमांडर समेत 7 लोग सस्पेंड
कारतूस चोरी मामले में पुलिस के हाथ खाली
इस मामले में एएसपी गोपाल धाकड़ का कहना है "आरक्षक ने आवेदन दिया है. इसमें उसने बताया है सरकारी कारतूसों के साथ उसकी 315 बोर की निजी रायफल भी चोरी हुई है. आरक्षक सरकारी शास्त्रागार में सुरक्षा की दृष्टि से अपनी रायफल रख देते हैं." वहीं, घटना 13 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अफसरों को शक है कि शस्त्रागारों से चोरी करने वाला विभाग के अंदर का ही कोई है. निजी रायफल चोरी के बाद यह शक और पुख्ता हो गया है. गौरतलब है कि इस मामले में कंपनी कमांडर हरिमोहन शर्मा और रायसिंह जयंत के अलावा हवलदार रामवरण शर्मा, सिपाही नीरज भदौरिया, अरविंद राजपूत, जयवीर सिंह और सोनू कौरव निलंबित किए जा चुके हैं.