मुरैना। नगर निगम के सफाई कर्मचारी वेतन और तमाम भत्तों का भुगतान समय पर नही होने के कारण अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. नगर निगम की महापौर शारदा सोलंकी ने कर्मचारियों को जल्द हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आने को कहा है, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इधर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के बाद पूरे शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई. पूरे शहर में सड़कों पर कचरा फैल गया, जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा है.
सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी मजदूर यूनियन के बैनर तले मुरैना नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ओंकार नरवर का कहना है कि, ''कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह कटौती की जाने वाली जीपीएफ, एनपीएस, ईपीएफ और पीएफ की राशि उनके खातों में हर महीने नहीं जमा की जा रही है. यह पैसा पिछले एक साल से नहीं जमा किया जा रहा है. जिससे सभी कर्मचारियों को मिलने वाले ब्याज का भी नुकसान हो रहा है.'' जिलाध्यक्ष ने बताया कि, इस संबध में आयुक्त को कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कर्मचारियों की क्या हैं मांगे
सफाई कर्मचारी के जिलाध्यक्ष ने कर्मचारियों की मांगे को लेकर बताय कि, ''जिन कर्मचारियों की ड्यूटी पर रहते हुए मौत हो गई थी उनके परिवार के सदस्य को कलेक्टर दर पर नियुक्ति दी जाए और नौकरी से हटाये गये 32 संविदा सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति को बहाल किया जाए. इसके अलावा हर महीने 5 तारीख के अन्दर कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान किया जाए. सभी भत्ता राशि को 11 दिन के भीतर कर्मचारियों के खाते में जमा कराई जाए.'' जिलाध्यक्ष ने कहा कि, ''जब तक यह सारी मांगे नहीं पूरी की जायेंगींतब तक यह हड़ताल जारी रहेगा. कोई भी सफाई कर्मचारी और नगर पालिका निगम का कर्मचारी काम पर वापस नहीं जायेगा.''
पहले दिन ही फैल गई गंदगी
मुरैना नगर निगम के महापौर शारदा सोलंकी ने अपने बंगले पर प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर हड़ताल कर रहे सभी कर्मचारियों को काम पर लौटने को कहा है. नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. इधर नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के पहले ही दिन पूरे शहर में कचरा और गंदगी फैल गई. अगर शासन और हड़ताली कर्मचारियों के बीच का मामला जल्द नहीं सुलझा तो शहर में कचरे का अंबार लग जायेगा. बदबू से लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो जायेगा. मच्छरों का प्रकोप बढ़ जायेगा और लोग बीमार पड़ने लगेंगे.