ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी को बड़ी राहत दी है. मुरैना की जेएमएफसी कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित तमाम कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने यह स्थगन मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी के खिलाफ जेएमएफसी कोर्ट के आदेश को चुनौती देने संबंधी याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है.
नामांकन के दौरान फर्जी मार्कशीट लगाने का आरोप
मुरैना में महापौर पद के लिए अनुसूचित जाति वर्ग से शारदा सोलंकी ने अपना नामांकन कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया था. वह चुनाव जीत गई थीं. उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी मीना मुकेश जाटव ने शारदा सोलंकी के चुनाव को अवैध करार देते हुए पुलिस में आवेदन दिया था. इसमें बताया था कि आगरा के बाह सेकेंडरी स्कूल की 10वीं की जो मार्कशीट लगाई गई है, वह फर्जी है. कोतवाली पुलिस ने इस मामले में अपना जांच प्रतिवेदन पेश किया था. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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महापौर को 2 बिंदुओं पर मिला स्थगन आदेश
इसके बाद मुरैना की जेएमएफसी कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर कोर्ट ने 30 सितंबर को पुलिस के प्रतिवेदन को सही ठहराया और सिविल लाइन पुलिस को आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिया. हाई कोर्ट ने मुरैना महापौर शारदा सोलंकी को दो बिंदुओं पर यह स्थगन दिया है. पहले तो जेएमएफसी कोर्ट ने अपना आदेश इस मामले में पारित नहीं किया. सिर्फ पुलिस के प्रतिवेदन को ही आधार माना है. वहीं इस घटना की जांच कोतवाली पुलिस ने की थी लेकिन कोर्ट ने अपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश सिविल लाइन पुलिस को दिए. महापौर के अधिवक्ता यश शर्मा ने बताया "हाईकोर्ट ने शारदा सोलंकी को बड़ी राहत प्रदान की है. मामले की अगली सुनवाई अब 18 नवंबर को होगी."