मुरैना। जिला अस्पताल में महिला नर्सिंग स्टाफ के साथ अनैतिक व्यवहार को लेकर शिकायत दर्ज की गई है. बताय गया कि सिविल सर्जन महिला नर्सिंग स्टाफ के साथ अश्लील व्यवहार कर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है. पीड़ित स्टाफ की सैलरी भी रोक दी गई है और नौकरी से निकाल देने की धमकी दी गई है. महिला ने बताया कि सैलरी मांगने पर अभद्रता की जाती है. फोन पर बात करने पर प्रभारी बना देने का झांसा दिया जाता है.
कलेक्टर को किया शिकायत
सैलरी नहीं मिलने के बाद मानसिक रूप से प्रताड़ित महिला नर्सिंग स्टाफ ने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है. पीड़िता ने सिविल सर्जन के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसको तत्काल पद से हटाने की मांग की है. महिला ने ज्ञापन में बताया है कि "जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र सिंह तोमर, रात्रि ड्यूटी के दौरान शराब के नशे महिला नर्सिंग स्टाफ को परेशान करता है. सिविल सर्जन धमकी देता है कि, अगर तुम बात करती रहोगी तो तुम्हें प्रभारी बना दूंगा, अन्यथा तुम्हे काम की सैलरी भी नहीं मिलेगी."
4 माह से नहीं मिला सैलरी
महिला नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि " 4 महीने से उसकी सैलरी रोक दी गई है. जब वह सैलरी के लिए बाबू के पास पहुंची तो बाबू ने बताया कि सिविल सर्जन के कहने पर सैलरी रोकी गई है. इसलिए तुम अकेले में उनसे मिल लो. बताया जा रहा है कि इस तरह का व्यवहार सिर्फ एक महिला नर्स के साथ नहीं हुआ है, बल्कि अन्य महिला नर्सिंग स्टाफ भी उनकी करतूतों से परेशान है, लेकिन बदनामी के डर से कोई शिकायत नहीं करती है. इस संबंध में महिला ने एडीएम, थान प्रभारी और महिला आयोग को भी शिकायती आवेदन दिया है. एडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए है.
शिकायत पर जांच के आदेश
सीएमएचओ डॉ राकेश शर्मा ने कहा कि, "महिला नर्स ने एक शिकायती आवेदन दिया गया है. इसमें सिविल सर्जन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है." एडीएम सीबी प्रसाद ने कहा कि "महिला नर्स ने एक आवेदन दिया है. उसको 3-4 महीने से सैलरी नहीं मिली थी. सेलरी के लिए सीएमएचओ को बोल दिया गया है. आरोपों की जांच की जाएगी और एक महिला अधिकारी से इसकी जांच कराई जाएगी". वहीं ASP अरविंद ठाकुर ने कहा कि "नर्स ने महिला थाने में एक शिकायती आवेदन दिया है उन्होंने डॉक्टर पर आरोप लगाए है हम उसकी जांच कर रहे हैं."