रांची: राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में उर्दू के लिए सहायक आचार्य के 7232 पदों को सृजित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार 22 जनवरी को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान करते हुए राज्य में उर्दू सहायक आचार्य पद के सृजन की हरी झंडी दे दी. इसके तहत राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में वर्ग 1 से 5 के लिए 5478 और उच्च प्राथमिक यानी वर्ग 6 से 8 विद्यालयों में 1754 पद सृजित किए गए हैं. वर्तमान में राज्य भर के प्रारंभिक विद्यालयों में उर्दू सहायक शिक्षकों के लिए 4401 पद स्वीकृत हैं जिसमें 689 पर उर्दू शिक्षक कार्यरत हैं.
उर्दू शिक्षकों के पद सृजन की होती रही है मांग: सहायक आचार्य की हो रही नियुक्ति परीक्षा में उर्दू शिक्षकों के पद सृजित नहीं होने से नाराज विभिन्न छात्र संगठनों के द्वारा सरकार से उर्दू शिक्षकों के पद सृजन की लगातार मांग हो रही थी. राज्य के सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे उर्दू छात्रों के संख्या के आधार पर शिक्षकों के पद सृजन होने हैं. जिसके तहत झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें 7981 सहायक आचार्य का पद उर्दू के लिए सृजित किया जाना है. इसमें प्राथमिक विद्यालयों में 6167 और मध्य विद्यालय में 1754 सहायक आचार्य का पद है.
पहले से इंटर प्रशिक्षित 689 उर्दू सहायक शिक्षक कार्यरत हैं ऐसे में शेष 7232 पद को सृजित किया गया है. छात्र नेता एस अली ने सरकार के इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि सरकार न केवल पद सृजित करे बल्कि आने वाले समय में सहायक आचार्य की नियुक्ति में उर्दू शिक्षकों को भी नियुक्त कर उनका वाजिब हक दे. गौरतलब है कि राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में सहायक शिक्षकों के पद को परिवर्तित करते हुए सरकार ने सहायक आचार्य के रूप में 50000 पद स्वीकृत किए हैं. जिसके तहत पहले चरण में 26001 सहायक आचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा जारी है.
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