राजसमंद: जिले में पंचायतीराज विभाग व पंचायत समिति खमनोर के विकास अधिकारी हनुवीर सिंह ने भीम विधायक हरिसिंह रावत के पुत्र रणजीतसिंह के खिलाफ खमनोर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. नरेगा योजना में सामग्री सप्लाई का गलती से विधायक पुत्र की फर्म को भुगतान हो गया था. तकनीकी गलती सामने आने के बाद पंचायतीराज विभाग द्वारा भीम विधायक पुत्र रणजीतसिंह को तीन चार नोटिस देने व मौखिक रूप से अवगत कराने के बावजूद सरकार का पैसा 8 माह बाद भी नहीं लौटाया. इस पर विकास अधिकारी ने खमनोर थाने में रिपोर्ट दी. पुलिस ने सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू कर दी.
जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी के अनुसार पंचायत समिति खमनोर के विकास अधिकारी हनुवीरसिंह ने खमनोर थाने में रिपोर्ट दी. वित्तीय वर्ष 2022-23 में ग्राम पंचायत कुंठवा नरेगा योजना के तहत सामग्री सप्लाई के 10 लाख 88 हजार 794 रुपए का भुगतान अनुमोदित संवेदक फर्म दक्ष एंटरप्राइजेज को करना था, लेकिन पीओ लाॅगिन में त्रुटि व गलती के चलते 2 नवंबर, 2023 को फर्म के मिलते-जुलते नाम होने से दक्ष एंटरप्राइजेज की बजाय भुगतान दक्ष डवलपर्स के खाते में हो गया.
दक्ष डवलपर्स फर्म भीम विधायक हरिसिंह रावत के पुत्र रणजीतसिंह रावत के नाम पर है. गलत भुगतान होने के बाद एसबीआई शाखा जस्साखेड़ा में कॉल कर खाता फ्रीज करने व दक्ष डवलपर्स मालिक रणजीतसिंह रावत को बताने के बावजूद 10 लाख 88 हजार 794 रुपए का भुगतान नहीं लौटाया गया. इसके लिए भीम विधायक पुत्र रणजीतसिंह रावत से वसूली के लिए मौखिक तौर पर अवगत करवाया और लिखित में नोटिस भी दिए गए. इसके बावजूद राजकोष के 10 लाख 88 हजार 794 रुपए वापस नहीं लौटाए, जबकि विधायक पुत्र रणजीतसिंह रावत की फर्म दक्ष डवलपर्स का राजकीय पैसे पर कोई हक नहीं है.
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विधायक पुत्र को लिखित नोटिस भेजे: बीडीओ हनुवीरसिंह ने बताया कि दक्ष डवलपर्स के मालिक विधायक पुत्र रणजीतसिंह से पत्राचार भी किया और नोटिस भी भेजे गए. उनके व्हाट्सएप पर नोटिस भेजा गया, जिसे रणजीतसिंह द्वारा देखा गया. एसबीआई शाखा जस्साखेड़ा, भीम को भी पत्र भेजे गए. लेकिन विधायक पुत्र ने राशि नहीं लौटाई है. इस तरह राजकीय पैसे को जबरन उपयोग किया जा रहा है. इस पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 316, 318 के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर दी.
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वसूली नहीं होने पर दर्ज कराई एफआईआर: पंचायत समिति खमनोर के विकास अधिकारी हनुवीरसिंह का कहना है कि नरेगा योजना में पीओ लॉगिन में तकनीकी त्रुटि के चलते दक्ष एंटरप्राइजेज की बजाय दक्ष डवलपर्स को भुगतान हो गया. दक्ष डवलपर्स के मालिक रणजीतसिंह रावत है, जिसे मौखिक व लिखित नोटिस भी दिए. लेकिन 10 लाख 88 हजार रुपए राजकोष में नहीं लौटाए. इसलिए खमनोर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
आरोप गलत, फर्म ही बंद: रणजीत सिंह रावत का कहना है कि पंचायतीराज विभाग द्वारा अगर कोई गलती से मेरे फर्म में बैंक खाते में भुगतान आया या नहीं, इसके बारे में मुझे नहीं पता है. क्योंकि चार साल से फर्म के बैंक खाते से लेनदेन ही नहीं हुआ है. मेरे खिलाफ धोखाधड़ी की जो एफआईआर दर्ज करवाई है, वह गलत है. मेरे द्वारा कोई धोखा नहीं किया गया है और राजनीतिक षड़यंत्र के तहत भ्रामक व झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है.