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मंडल डैम इलाके में 40 से ज्यादा घर जलमग्न, राहत और बचाव कार्य शुरू - Mandal Dam

पलामू प्रमंडल के अंतर्गत मंडल डैम क्षेत्र में 40 से अधिक घर पानी में डूब गए हैं. भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.

flood in Mandal Dam
उफान पर नदियां (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 20, 2024, 3:22 PM IST

पलामू: तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण मंडल डैम के डूब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 40 से अधिक घर जलमग्न हो गए हैं. डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामीणों ने पहाड़ी इलाके में शरण ली है. 16, 17 और 18 सितंबर को पूरे इलाके में भारी बारिश हुई थी. इस भारी बारिश के बाद कोयल और उसकी सभी सहायक नदियां भी उफान पर आ गईं. जिससे मंडल डैम का इलाका पानी में डूब गया.

मंडल डैम के डूब क्षेत्र में आने वाले चेमो सान्या के माधो, भजना और कुटकु के इलाके जलमग्न हो गए. बाढ़ के पानी से 40 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इलाके में दो दिनों से बारिश थमी हुई है, जिसके बाद कोयल का जलस्तर कुछ कम हुआ है. कई घरों में अभी भी पानी भरा हुआ है और कई घरों को नुकसान पहुंचा है. बाढ़ का पानी उतरने के बाद कई इलाकों में स्थिति सामान्य हो रही है. बाढ़ का पानी उतरने के बाद इलाके में राहत और बचाव कार्य भी शुरू हो गया है. गढ़वा जिला प्रशासन और वन विभाग की ओर से सर्वे कर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है.

बचाव कार्य शुरू

मंडल डैम डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप तिर्की ने बताया कि बाढ़ के पानी से 40 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. सूची तैयार कर प्रशासन को सौंप दी गई है. पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और ग्रामीणों को राहत सामग्री पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ग्रामीणों को प्लास्टिक के टेंट मुहैया कराए जा रहे हैं.

मंडल डैम उत्तर कोयल नदी पर बना है. करीब दो दशक पहले भी भारी बारिश के बाद मंडल डैम का पानी कई गांवों में घुस गया था. जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ था. चेमो सान्या 1857 की क्रांति के नायक नीलांबर पीतांबर का गांव भी है. यह इलाका बूढ़ापहाड़ से सटा हुआ है.

पलामू: तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण मंडल डैम के डूब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 40 से अधिक घर जलमग्न हो गए हैं. डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामीणों ने पहाड़ी इलाके में शरण ली है. 16, 17 और 18 सितंबर को पूरे इलाके में भारी बारिश हुई थी. इस भारी बारिश के बाद कोयल और उसकी सभी सहायक नदियां भी उफान पर आ गईं. जिससे मंडल डैम का इलाका पानी में डूब गया.

मंडल डैम के डूब क्षेत्र में आने वाले चेमो सान्या के माधो, भजना और कुटकु के इलाके जलमग्न हो गए. बाढ़ के पानी से 40 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इलाके में दो दिनों से बारिश थमी हुई है, जिसके बाद कोयल का जलस्तर कुछ कम हुआ है. कई घरों में अभी भी पानी भरा हुआ है और कई घरों को नुकसान पहुंचा है. बाढ़ का पानी उतरने के बाद कई इलाकों में स्थिति सामान्य हो रही है. बाढ़ का पानी उतरने के बाद इलाके में राहत और बचाव कार्य भी शुरू हो गया है. गढ़वा जिला प्रशासन और वन विभाग की ओर से सर्वे कर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है.

बचाव कार्य शुरू

मंडल डैम डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप तिर्की ने बताया कि बाढ़ के पानी से 40 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. सूची तैयार कर प्रशासन को सौंप दी गई है. पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और ग्रामीणों को राहत सामग्री पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ग्रामीणों को प्लास्टिक के टेंट मुहैया कराए जा रहे हैं.

मंडल डैम उत्तर कोयल नदी पर बना है. करीब दो दशक पहले भी भारी बारिश के बाद मंडल डैम का पानी कई गांवों में घुस गया था. जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ था. चेमो सान्या 1857 की क्रांति के नायक नीलांबर पीतांबर का गांव भी है. यह इलाका बूढ़ापहाड़ से सटा हुआ है.

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