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गाजियाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत में 2.25 लाख वादों का निस्तारण, वसूला इतना करोड़ अर्थदंड - national lok adalat in ghaziabad - NATIONAL LOK ADALAT IN GHAZIABAD

National Lok Adalat in Ghaziabad: गाजियाबाद में रविवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान कुल 2,26,83,493 रुपये वसूले गए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 15, 2024, 10:25 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद के तत्वावधान में रविवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न सुलह योग्य मामलों का निस्तारण किया गया. इस दौरान अर्थदंड से 2,26,83,493 रुपये वसूले गए. राजस्व संबंधी 1,95,875 मामलों का निस्तारण किया गया. वहीं कुल 2.25 लाख वादों का निस्तारण किया गया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद के अनिल कुमार ने बताया कि, लोक अदालत के माध्यम से ऐसे मामलों का निस्तारण किया जा सकता है, जिसमें सुलह या समझौता संभव है. लोक अदालत के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किए जाते हैं और इसका प्रचार प्रसार भी किया जाता है. हालांकि इस बारे में लोगों को अभी पूरी तरह से पता नहीं है. इस बार के लोक अदालत में जिला प्रशासन के माध्यम से दो लाख मुकदमों के निस्तारण का लक्ष्य रखा गया था.

यह भी पढ़ें- दिल्ली दंगों के 10 आरोपी बरी, कोर्ट ने सबूतों को अभाव में दी रिहाई

इसमें विभिन्न बैंकों और न्यायालय से संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए भी लक्ष्य रखा गया था. लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर मुकदमों का निस्तारण होता है. पक्षकारों ने स्वतंत्र सहमति से अपने मामले को न्यायालय के सामने निस्तारित कराया. इस बात को भी जान लें कि लोक अदालत में निस्तारित होने वाले मामले मामलों को कोर्ट में तब तक चुनौती नहीं दी जा सकती, जब तक पक्षकार साबित न कर सके कि उसकी सहमति धोखे और छल से प्राप्त की गई हो. इन लोक अदालतों का समय-समय पर आयोजन किया जाता है.

यह भी पढ़ें- 'न्यायिक प्रक्रिया से लोग इतने तंग आ चुके हैं कि वे महज समझौता चाहते हैं': सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद के तत्वावधान में रविवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न सुलह योग्य मामलों का निस्तारण किया गया. इस दौरान अर्थदंड से 2,26,83,493 रुपये वसूले गए. राजस्व संबंधी 1,95,875 मामलों का निस्तारण किया गया. वहीं कुल 2.25 लाख वादों का निस्तारण किया गया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद के अनिल कुमार ने बताया कि, लोक अदालत के माध्यम से ऐसे मामलों का निस्तारण किया जा सकता है, जिसमें सुलह या समझौता संभव है. लोक अदालत के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किए जाते हैं और इसका प्रचार प्रसार भी किया जाता है. हालांकि इस बारे में लोगों को अभी पूरी तरह से पता नहीं है. इस बार के लोक अदालत में जिला प्रशासन के माध्यम से दो लाख मुकदमों के निस्तारण का लक्ष्य रखा गया था.

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इसमें विभिन्न बैंकों और न्यायालय से संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए भी लक्ष्य रखा गया था. लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर मुकदमों का निस्तारण होता है. पक्षकारों ने स्वतंत्र सहमति से अपने मामले को न्यायालय के सामने निस्तारित कराया. इस बात को भी जान लें कि लोक अदालत में निस्तारित होने वाले मामले मामलों को कोर्ट में तब तक चुनौती नहीं दी जा सकती, जब तक पक्षकार साबित न कर सके कि उसकी सहमति धोखे और छल से प्राप्त की गई हो. इन लोक अदालतों का समय-समय पर आयोजन किया जाता है.

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