भरतपुर: संभाग के 6 जिलों में इस बार पिछले सालों की तुलना में भारी बरसात हुई है, जिसकी वजह से संभाग में खरीफ की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. संभाग के गंगापुर सिटी, धौलपुर और करौली जिलों में बाजरे की फसल तो करीब करीब 50 फीसदी तक नष्ट हो गई है. वहीं, अन्य जिलों में भी खरीद फसल को 30 फीसदी या इससे भी अधिक नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो 6 जिलों में खरीफ की फसल में 14 फीसदी से अधिक का नुकसान सामने आया है.
औसत से 33 फीसदी अधिक बरसात : कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि संभाग में बीते दस साल के रिकॉर्ड के अनुसार औसत बरसात का आंकड़ा 680 मिमी है, लेकिन इस बार संभाग के सभी 6 जिलों में औसत से अधिक बरसात हुई है. इस बार औसत से करीब 33 फीसदी अधिक यानी 880 मिलीमीटर बरसात अधिक दर्ज की गई है. यही वजह है कि बीते करीब एक माह से करौली जिले के पांचना बांध से लगातार पानी की निकासी की जा रही है. साथ ही जिले के बंध बारैठा से भी जल निकासी जारी है. अधिक बरसात और बांधों से जल निकासी की वजह से प्रभावित क्षेत्रों में खरीफ की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.
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1.21 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट : देशराज सिंह ने बताया कि संभाग के भरतपुर, डीग, धौलपुर, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली जिलों में 8 लाख 63 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल बुवाई की गई. इसमें से अधिक बरसात की वजह से करीब 14 फीसदी यानी 1 लाख, 21,906 हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई. सबसे ज्यादा नुकसान गंगापुर सिटी और भरतपुर जिलों में हुआ है. नष्ट होने वाली फसलों में बाजरा, ज्वार, ग्वार, तिल, उड़द, मूंग और चावल की फसल है.
बीमा कराने वाले किसानों को ही लाभ : देशराज सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री की फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा कर रखा है, उनको फसल खराबे का मुआवजा मिलेगा. फसल कटाई के दौरान फसल की पैदावार को आधार मानते हुए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.