गिरिडीहः जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थंस्थल मधुबन में पिछले 9 दिनों से रामक था का आयोजन किया गया. यहां आध्यात्मिक संत मोरारी बापू ने राम कथा सुनाई. इस धार्मिक कार्यक्रम के अंतिम दिन भी राम कथा वाचक बापू ने अपने उदगार से लोगों को अभिभूत किया. अंतिम दिन की कथा सुनने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन के साथ सदर विधायक सुदिव्य कुमार भी मधुबन के मकर संक्रांति मेला मैदान पहुंचे. यहां मोरारी बापू के प्रवचन का लाभ लिया साथ ही साथ बापू से आशीर्वाद भी.
विकास विश्राम को खंडित नहीं करे
अंतिम दिन कथा आरम्भ करने से पहले आध्यात्मिक संत मोरारी बापू ने मधुबन की धरती पर बिताये 9 दिनों के अनुभव को शेयर किया. बताया कि इस निर्वाण भूमि में, तपस्या की भूमि पर कुछ विशेष रूप से चेतना बरस रही है. कहा कि इस 9 दिनों में वे झारखंड के लोगों से मिले, यहां यह महसूस हुआ कि यहां के लोग जैसे हैं वैसे ही पेश आ रहे हैं. यहां के लोगों को दंभ नहीं है. कहा कि प्रशासन ने, जैन संस्था के साथ अन्य संस्थाओं ने पूरा सहयोग दिया. यहां पत्रकारों से बात हुई तो पता चला कि सरकार इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के लिए विकसित करना चाहती है. मेरा एक सूत्र है विकास विश्राम को खंडित नहीं करें इसका ध्यान रखना है. विकास होना चाहिये, लेकिन यह मधुबन की भूमि साधन भूमि है, तप भूमि है, उसका देवत्व बना रहना चाहिए. कथा के दौरान बापू ने धर्म और अधर्म की शिक्षा पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. यह भी कहा कि कौन श्रेष्ठ कौन निम्न है इस पर नहीं पड़ना है.
यहां बता दें कि मुरारी बापू द्वारा प्रस्तुत किए गए रामकथा को सुनने के लिए गिरिडीह, धनबाद समेत कई जिलों के लोगों के अलावा दूसरे प्रदेश से भी उनके अनुयायी मधुबन पहुंचे. यहां बापू का आशीर्वाद लेने केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी पहुंची तो कई नेता के अलावा अधिकारी भी पहुंचे.
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