भोपाल: मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए खुशी की खबर है. सवा करोड़ लाडली बहनों के खातें में आज सोमवार को लाड़ली बहना योजना के तहत सितंबर माह की राशि पहुंचने जा रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव बीना में होने वाले कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से लाड़ली बहनों के खातों में 1574 करोड़ की राशि ट्रांसफर करेंगे. इसके अलावा कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों के खातों में भी राशि भेजी जाएगी. यह राशि 332.43 करोड़ की होगी. मुख्यमंत्री बीना स्थित कृषि उपज मंत्री पहुंंचेंगे, जहां राज्य स्तरीय कार्यक्रम रखा गया है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अनेक विकाय कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण भी करेंगे.
आज अपनी लाड़ली बहनों के खातों में अंतरित करूँगा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की 16वीं किस्त की राशि।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 9, 2024
सभी बहनों को बधाई व शुभकामनाएं... pic.twitter.com/2lCFssIudL
अब तक पहुंच चुके 2400 करोड़
प्रदेश में 1 करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों के खातों में लाडली बहना योजना के तहत 24 हजार 499 करोड़ की राशि अतंरित की जा चुकी है. इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों को 3 हजार करोड़ से ज्यादा उनके खातों में भेजे जा चुके हैं.
हर चेहरे पर मुस्कान
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 8, 2024
समृद्ध मध्यप्रदेश की पहचान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा राशि का अंतरण
➡️ लाड़ली बहना योजना अंतर्गत ₹1574 करोड़
➡️ सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अंतर्गत ₹332.43 करोड़
🗓️ : 09 सितंबर 2024
📍 : कृषि उपज मंडी बीना, जिला सागर@DrMohanYadav51#DrMohanYadav… pic.twitter.com/kL507koBmw
8 साल बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री का दौरा
करीबन 8 साल के इंतजार के बाद मुख्यमंत्री बीना किसी चुनावी सभा के बिना पहुंच रहे हैं. आमतौर पर बीना में चुनावी सभा में ही मुख्यमंत्री पहुंचते रहे हैं, लेकिन 8 साल बाद यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री यहां पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री के बीना पहुंचने से बीना को जिला घोषित करने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि खुरई के कारण बीना का मामला अटका हुआ था. बीना और खुरई दोनों स्थानों को लंबे समय से जिला बनाए जाने की मांग की जा रही है. दोनों ही सागर जिले में आते हैं. बीना और खुरई के बीच की दूरी महज 20 किलोमीटर है. बीना के लोग 1985 और खुरई के लोग 1964 से जिला बनाने की मांग कर रहे हैं.