भोपाल: एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव भले प्रदेश भर की लाड़लियों से राखी बंधवाने के बाद अब जाकर मोहन भैया नहीं बने हैं, इसकी शुरुआत तो बरसों पहले उनके विधानसभा क्षेत्र से हो गई थी. मोहन यादव ने नया प्रयोग किया था और वे अपने विधानसभा क्षेत्र में केवल रक्षाबंधन के दिन ही नहीं पूरे सावन मास में राखी बंधवाते थे. वार्ड-वार्ड चलने वाले ये राखी के आयोजन कई बार जन्माष्टमी के बाद तक चलते थे. उज्जैन की दक्षिण विधानसभा से विधायक डॉ. मोहन यादव को मोहन भैया की पहचान तभी से मिल गई थी.
अपनी तनख्वाह से खरीदते थे बहनों के लिए तोहफे
सीएम डॉ. मोहन यादव ने विधायक रहते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र उज्जैन दक्षिण से रक्षाबंधन का त्योहार मनाए जाने की शुरुआत कर दी थी. ये आयोजन केवल रक्षाबंधन के दिन नहीं, बल्कि पूरे सावन मास के दौरान होता था. बीजेपी नेता और प्रवक्ता राजपाल सिसौदिया कहते हैं, "मैं विधार्थी परिषद से मोहन भैया के साथ हूं. हांलाकि वे मेरे 6-7 साल सीनियर हैं, लेकिन जब हम उनके साथ काम करते थे, उस समय से देख रहे हैं. सावन मास में उनकी विधानसभा सीट उज्जैन दक्षिण में रक्षआबंधन का आयोजन राखी से पहले शुरु होता था और राखी के बाद जन्माष्टमी तक चलता था."
राजपाल कहते हैं, "खास बात ये कि अपनी पगार से मोहन भैया अपनी बहनों के लिए राखी पर उपहार के साथ सुहाग का सामान खास तौर पर देते थे. वार्ड-वार्ड में ये आयोजन होते थे और उसी समय से उन्हें बहनों ने मोहन भैया का नाम दे दिया था. तब से ही वे उज्जैन ही नहीं पूरे मालवा में मोहन भैया के नाम से चर्चित रहे और अब तो पूरे प्रदेश के मोहन भैया हो गए हैं.
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मोहन भैया की पहल..विधायक भी राखी बंधवाएं
यही वजह है कि जब सत्ता में आए तो सीएम बनने को बाद डॉ. मोहन यादव ने ये तय किया कि सरकार के सभी मंत्रियों समेत विधायकों को भी अपने क्षेत्र में जाकर लाड़ली बहनों से राखी बंधवानी चाहिए. इस रक्षाबंधन पर ये कहा गया है कि सब अपने-अपने क्षेत्र में लाड़ली बहनों से राखी बंधवाएंगे और उन्हीं के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाएंगे.