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चीतल-हिरण को पछाड़ हांफते चीते हर कदम पर दिखेंगे, यहां होगी स्मॉल बजट में रोमांचक सफारी - Cheetah Safari Gandhi Sagar Park

अपने बाघों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर मध्यप्रदेश अब अपने चीतों के लिए भी जाना जाएगा. मोहन यादव सरकार पर्यटकों को अब जल्द ही मध्यप्रदेश में चीतों का दीदार कराने जा रही है. मध्यप्रदेश में चीतों के नए घर गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों के आने से पर्यटक इनका खुले जंगल में दीदार भी कर सकेंगे.

Cheetah Safari Gandhi Sagar Park
वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए मोहन यादव सरकार का नया प्लान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 3:54 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 6:17 PM IST

भोपाल : कूनो के बाद गांधीसागर अभ्यारण्य में चीतों को लाने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. गांधी सागर अभ्यारण्य में 64 वर्ग किलोमीटर में बाड़ा बनाकर तैयार किया जा चुका है. साथ ही चीतों के भोजन के लिए चीतल और हिरण को भी छोड़ा जा चुका है. इन्ही बाड़े में चीतों को रखा जाएगा. गांधी सागर अभ्यारण्य करीबन 300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह मंदसौर-नीमच जिले के साथ राजस्थान के चित्तौड़ गढ़ और कोटा जिले को भी छूता है. माना जा रहा है कि बारिश के मौसम के बाद चीतों को यहां लाया जाएगा.

Cheetah Safari in Madhya Pradesh
कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में मोहन यादव (Etv Bharat)


फैंसिंग हुई तो खत्म हो जाएगा बजट

भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में बाघ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, '' कूनो में चीता बार-बार बाहर निकल जाता है. इस संबंध में मैंने केन्द्रीय वन मंत्री से इसकी फैंसिंग को लेकर चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में चीतों को फैंसिंग करके रखा जाता है, लेकिन यहां फैंसिंग नहीं कर सकते. क्योंकि फैंसिंग की गई तो उसमें ही विभाग का पूरा बजट चला जाएगा. लेकिन अच्छी बात यह है कि इससे चीतों को भी खेलने के लिए पूरी जगह मिलती है.'' सीएम ने बाघों के पुर्नस्थापित किए जाने की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में बाघों की तरह किंग कोबरा आदि दूसरे जीवों की भी गणना होनी चाहिए.


सीएम बोले सिंह नहीं बाघ है जंगल का राजा

मुख्यमंत्री ने कहा, '' हमें चीता भी मिला और अब वहीं से वन मंत्री भी मिला है. पहले वहां के लोग कई तरह की मांग करते थे अब हमने वहीं के मंत्री को ही वन विभाग दे दिया. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जंगल का राजा सिंह नहीं है, बल्कि सही मायने में टाइगर है. शेर कमाने खाने में आलसी होता है. टाइगर शिकार में एक्टिव होता है और सबसे स्वस्थ और मजबूत पशु को अपना शिकार बनाता.

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भोपाल के टाइगर कुछ अलह ही किस्म के

सीएम ने आगे कहा, '' मध्यप्रदेश के टाइगर तो एक कदम और आगे निकलते हैं, लेकिन भोपाल के टाइगर ने इंसानों के साथ एडजस्ट कर लिया है. दिन में इंसान घूम लें और रात में टाइगर घूम लेते हैं. गांधी सागर अभ्यारण्य में बारिश के मौसम के बाद कभी भी चीतें पहुंच सकते हैं. इसके लिए केन्या के अफसरों द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है. गांधी सागर में चीतों के आने के बाद आम पर्यटक इन्हें देख सकेंगे.''

भोपाल : कूनो के बाद गांधीसागर अभ्यारण्य में चीतों को लाने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. गांधी सागर अभ्यारण्य में 64 वर्ग किलोमीटर में बाड़ा बनाकर तैयार किया जा चुका है. साथ ही चीतों के भोजन के लिए चीतल और हिरण को भी छोड़ा जा चुका है. इन्ही बाड़े में चीतों को रखा जाएगा. गांधी सागर अभ्यारण्य करीबन 300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह मंदसौर-नीमच जिले के साथ राजस्थान के चित्तौड़ गढ़ और कोटा जिले को भी छूता है. माना जा रहा है कि बारिश के मौसम के बाद चीतों को यहां लाया जाएगा.

Cheetah Safari in Madhya Pradesh
कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में मोहन यादव (Etv Bharat)


फैंसिंग हुई तो खत्म हो जाएगा बजट

भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में बाघ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, '' कूनो में चीता बार-बार बाहर निकल जाता है. इस संबंध में मैंने केन्द्रीय वन मंत्री से इसकी फैंसिंग को लेकर चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में चीतों को फैंसिंग करके रखा जाता है, लेकिन यहां फैंसिंग नहीं कर सकते. क्योंकि फैंसिंग की गई तो उसमें ही विभाग का पूरा बजट चला जाएगा. लेकिन अच्छी बात यह है कि इससे चीतों को भी खेलने के लिए पूरी जगह मिलती है.'' सीएम ने बाघों के पुर्नस्थापित किए जाने की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश में बाघों की तरह किंग कोबरा आदि दूसरे जीवों की भी गणना होनी चाहिए.


सीएम बोले सिंह नहीं बाघ है जंगल का राजा

मुख्यमंत्री ने कहा, '' हमें चीता भी मिला और अब वहीं से वन मंत्री भी मिला है. पहले वहां के लोग कई तरह की मांग करते थे अब हमने वहीं के मंत्री को ही वन विभाग दे दिया. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जंगल का राजा सिंह नहीं है, बल्कि सही मायने में टाइगर है. शेर कमाने खाने में आलसी होता है. टाइगर शिकार में एक्टिव होता है और सबसे स्वस्थ और मजबूत पशु को अपना शिकार बनाता.

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भोपाल के टाइगर कुछ अलह ही किस्म के

सीएम ने आगे कहा, '' मध्यप्रदेश के टाइगर तो एक कदम और आगे निकलते हैं, लेकिन भोपाल के टाइगर ने इंसानों के साथ एडजस्ट कर लिया है. दिन में इंसान घूम लें और रात में टाइगर घूम लेते हैं. गांधी सागर अभ्यारण्य में बारिश के मौसम के बाद कभी भी चीतें पहुंच सकते हैं. इसके लिए केन्या के अफसरों द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है. गांधी सागर में चीतों के आने के बाद आम पर्यटक इन्हें देख सकेंगे.''

Last Updated : Jul 29, 2024, 6:17 PM IST
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