भोपाल: जन्माष्टमी का पर्व प्रदेश भर में अब सरकारी रूप से मनाया जाएगा. इस दिन प्रदेश के अलग-अलग 14 स्थानों पर श्री कृष्ण पर्व पर बड़े आयोजन किए जाएंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसको लेकर सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं. सभी कलेक्टरों को जिलों के श्रीकृष्ण मंदिरों की साफ-सफाई कराने और सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाने के लिए कहा गया है. खासतौर से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े देवास के जानापावा, धार के अमझेरा, उज्जैन के नारायणा एवं संदीपनी आश्रम में विशेष आयोजन किए जाएंगे.
इन 14 स्थानों पर होंगे खास आयोजन
भोपाल के जनजातीय संग्रहालय में 23 से 25 अगस्त को शाम 7 बजे से श्रीकृष्ण पर्व का मनाया जाएगा. इसमें पहले दिन श्रीकृष्ण गायन और रासलीला का आयोजन होगा. 24 अगस्त को मथुरा के कलाकारों द्वारा रासलीला एवं लोकप्रिय माधवास रॉक बैण्ड द्वारा भजन गायन की प्रस्तुति दी जाएगी. 25 अगस्त को रासलीला की प्रस्तुति होगी.
अमझेरा, धार में 25 एवं 26 अगस्त को कार्यक्रम होंगे. 25 अगस्त को दोपहर 12 बजे भक्ति संगीत की प्रस्तुति होगी. 26 अगस्त की शाम आनंदीलाल भावेल, धार द्वारा भक्ति संगीत और वृन्दावन के कलाकारों द्वारा रासलीला की प्रस्तुति दी जाएगी.
परशुराम जन्मस्थली जानापाव महू में 26 अगस्त एक दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन किया जाएगा. वृन्दावन के कलाकारों द्वारा रासलीला की प्रस्तुति दी जाएगी. कार्यक्रम का आयोजन शाम 4 बजे से किया जाएगा.
लालीपुर मंडला में 24 से 26 अगस्त तक तीन दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन किया जाएगा. इसमें भक्ति संगीत, जबलपुर के कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण केन्द्रित नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी. 26 अगस्त को चरणजीत सिंह सौंधी मुम्बई के कलाकारों द्वारा भक्ति संगीत और स्वर म्यूजिक फाउंडेशन, ग्वालियर द्वारा रासलीला की प्रस्तुति दी जाएगी. कार्यक्रम सायं 7 बजे प्रारम्भ होगा.
पाली उमरिया में तीन दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन किया जाएगा. जो 24 से 26 अगस्त, 2024 तक होगा. इसमें पहले दिन 24 अगस्त को भक्ति संगीत और श्रीकृष्ण केन्द्रित लोक गायन होगा. गोण्ड जनजातीय गुदुमबाजा नृत्य और रासलीला की प्रस्तुति होगी.
मानस भवन सभागार, शहडोल में भी तीन दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान भक्ति संगीत और रासलीला की प्रस्तुति होगी. श्रीकृष्ण केन्द्रित लोक गायन और भक्ति संगीत की प्रस्तुति होगी. बैगा जनजातीय करमा नृत्य की प्रस्तुति भी होगी.
प्राचीन जुगल किशोर मंदिर, पन्ना में दो दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन होगा. इस दौरान भक्ति संगीत लोक गायन और देवारी बुन्देली नृत्य, श्रीकृष्ण केन्द्रित नृत्य-नाटिका और बधाई बुन्देली लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी.
मानस भवन सभागार, दमोह में एक दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व के तहत भक्ति संगीत, श्रीकृष्ण केन्द्रित नृत्य-नाटिका, बुन्देली लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी.
रीवा में श्रीकृष्ण पर्व के तहत बसामन मामा गौवंश वन्य बिहार, सेमरिया में भक्ति संगीत और बुन्देली बरेदी लोकनृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएगी.
कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, मंदसौर में एक दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व पर भक्ति संगीत, गोण्ड जनजातीय ठाठ्या नृत्य होगा.
त्रिवेणी कला संग्रहालय, उज्जैन में तीन दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व 23 से 27 अगस्त तक होगा. इसमें मथुरा के कलाकारों द्वारा रासलीला, सांस्कृतिक आयोजन, माधवास बैण्ड द्वारा भक्ति संगीत की प्रस्तुति होगी. इसके अलावा श्रीकृष्ण केन्द्रित नृत्य-नाटिका, श्रीकृष्ण गायन होगा.
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सांदीपनि आश्रम, उज्जैन में एक दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन होगा. इसमें 26 अगस्त को भक्ति गायन और श्रीकष्ण जन्मोत्सव का आयोजन होगा.
नारायणा धाम मंदिर प्रांगण, उज्जैन में 26 अगस्त से तीन दिन का श्रीकृष्ण पर्व होगा. कालिदास अकादमी द्वारा श्रीकृष्ण रूप सज्जा, रासलीला, भक्ति संगीत का कार्यक्रम होगा.
गोपाल मंदिर, उज्जैन में 26 अगस्त को श्रीकृष्ण पर्व के अंतर्गत शर्मा बंधु एवं साथी, उज्जैन द्वारा भक्ति संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी.