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मध्यप्रदेश के इन शहरों में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने की तैयारी में सरकार - Ban Liquor Cities Banks narmada

मध्यप्रदेश में बहुत जल्द नर्मदा किनारे बसे जिलों में मांस व मदिरा की बिक्री पर रोक लग सकती है. इस प्रकार के संकेत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिए हैं. उन्होंने कहा "नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों में मांस और शराब का सेवन नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही सीएम ने नदी में खनन कार्य में लगी मशीनों पर पर भी बैन लगाने का आदेश दिया."

Ban Liquor Cities Banks narmada
नर्मदा किनारे बसे जिलों में मांस व मदिरा की बिक्री पर रोक लगेगी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 3:29 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कैबिनेट की मीटिंग के दौरान साफ किया कि नर्मदा नदी के किनारे स्थित शहरों में मीट-चिकन और शराब की बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए. माना जा रहा है कि सरकार इस बारे में जल्द आदेश जारी कर सकती है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में पर्यावरण संरक्षण बहुत जरूरी है. इसके लिए अमरकंटक विकास प्राधिकरण द्वारा प्रयास शुरू किए जाने चाहिए. इसके अलावा नर्मदा से दूर आवासीय बस्ती की बसाहट होनी चाहिए.

नर्मदा में जल का प्रवाह सतत व अविरल होना चाहिए

मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी मिल रहे सीवेज को लेकर अपनी चिंता प्रकट की. उन्होंने इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए कि एक समय सीमा में इस बारे में काम करें. कचरा प्रबंधन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल होना चाहिए. नर्मदा के आसपास चलने वाली निर्माण की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए. मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी के जल को निर्मल तथा अविरल प्रवाह बनाए रखने के लिए कार्ययोजना बनाने की चर्चा मीटिंग में की. इस मीटिंग में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन तथा स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपत्तिया उइके, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.

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नर्मदा नदी के पर्यावरण संरक्षण की समीक्षा करेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए सभी से सुझाव और नए प्रयोग के उपाय सुझाव आमंत्रित हैं. मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर स्थित ममलेश्वर मंदिर के विकास की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. इसके लिए प्रदेश के अफसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अफसरों से मिलकर चर्चा करें. सीएम ने साफ किया कि नर्मदा के पर्यावरण संरक्षण के लिए नवंबर माह में समीक्षा की जाएगी. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि रानी दुर्गावती और रानी अहिल्याबाई की प्राचीन राजधानियों में कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी. सीएम ने न्याय के क्षेत्र में महाराजा विक्रमादित्य के नाम पर पुरस्कार देने की भी घोषणा की.

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नर्मदा में जल का प्रवाह सतत व अविरल होना चाहिए

मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी मिल रहे सीवेज को लेकर अपनी चिंता प्रकट की. उन्होंने इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए कि एक समय सीमा में इस बारे में काम करें. कचरा प्रबंधन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल होना चाहिए. नर्मदा के आसपास चलने वाली निर्माण की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए. मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी के जल को निर्मल तथा अविरल प्रवाह बनाए रखने के लिए कार्ययोजना बनाने की चर्चा मीटिंग में की. इस मीटिंग में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन तथा स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपत्तिया उइके, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.

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