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मोहन सरकार का बड़ा आदेश, अब प्रमोशन छोड़ा तो कर्मचारियों को पूरी सर्विस में होगा नुकसान - Mohan Government Big Decision

मध्य प्रदेश में कर्मचारियों ने यदि अब पदोन्नति नहीं ली तो उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाएगा. मोहन सरकार ने इसे लेकर बड़ा फैसला किया है.

MADHYA PRADESH GOVERNMENT ORDER
पदोन्नति को लेकर नियम में बदलाव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 30, 2024, 7:51 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 8:13 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर प्रदेश की मोहन सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब यदि किसी कर्मचारी ने ट्रांसफर के डर से प्रमोशन से इंकार किया तो उन्हें आर्थिक नुकसान भी झेलना होगा. ऐसे कर्मचारियों को अब राज्य सरकार द्वारा उच्चतर वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाएगा. प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्रदेश के साढ़े 7 लाख कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. सरकार के इस फैसले का कर्मचारी संगठनों ने विरोध जताया है.

employees left promotion suffer entire service
प्रमोशन छोड़ने पर कर्मचारियों को होगा बड़ा नुकसान (ETV Bharat)

पदोन्नति को लेकर नियम में बदलाव

कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश के मुताबिक चार स्तरीय समयमान वेतनमान लागू किए जाने के बाद कर्मचारियों को निर्धारित सेवा पूरी होने के बाद वरिष्ठ पद का वेतनमान का लाभ दिया जाता था लेकिन जब उन्हें उच्च पद पर पदोन्नत किया जाता था तो कई कर्मचारी पदोन्नति लेने से इंकार कर देते थे. ऐसी स्थिति में कर्मचारी को दी गई क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाता था साथ ही पदोन्नति आदेश में भी इसका उल्लेख किया जाता था. यदि शासकीय कर्मचारी इस पदोन्नति को छोड़ता है तो उसे पदोन्नति के एवज में पहले से दी जा रही क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाएगा.

उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ नहीं

राज्य सरकार ने अब कर्मचारियों की क्रमोन्नति योजना में बदलाव करते हुए प्रावधान किया है कि यदि इस योजना में कोई कर्मचारी उच्चतर वेतनमान का लाभ लेने के बाद पदोन्नति लेने से इंकार कर देता है तो कर्मचारी को पहले से मिलने वाली बढ़ी हुई सेलरी के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा, लेकिन ऐसे कर्मचारी को भविष्य में किसी भी उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ नहीं दिया जाएगा. राज्य सरकार ने इस नए नियम को अब लागू कर दिया है.

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कर्मचारी संगठनों ने किया विरोध

मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए कहा कि "कर्मचारियों के सामने कई बार ऐसी परिस्थिति होती है कि उसे मजबूरन पदोन्नति का लाभ छोड़ना होता है. पदोन्नति के बाद कई बार ट्रांसफर हो जाता है, ऐसे में पारिवारिक स्थिति को देखते हुए कई बार कर्मचारी न चाहते हुए भी इसे छोड़ देते हैं. इसलिए सरकार को इस मामले में सहानुभूति के तौर पर फिर से विचार करना चाहिए."

भोपाल: मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर प्रदेश की मोहन सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब यदि किसी कर्मचारी ने ट्रांसफर के डर से प्रमोशन से इंकार किया तो उन्हें आर्थिक नुकसान भी झेलना होगा. ऐसे कर्मचारियों को अब राज्य सरकार द्वारा उच्चतर वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाएगा. प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्रदेश के साढ़े 7 लाख कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. सरकार के इस फैसले का कर्मचारी संगठनों ने विरोध जताया है.

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प्रमोशन छोड़ने पर कर्मचारियों को होगा बड़ा नुकसान (ETV Bharat)

पदोन्नति को लेकर नियम में बदलाव

कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश के मुताबिक चार स्तरीय समयमान वेतनमान लागू किए जाने के बाद कर्मचारियों को निर्धारित सेवा पूरी होने के बाद वरिष्ठ पद का वेतनमान का लाभ दिया जाता था लेकिन जब उन्हें उच्च पद पर पदोन्नत किया जाता था तो कई कर्मचारी पदोन्नति लेने से इंकार कर देते थे. ऐसी स्थिति में कर्मचारी को दी गई क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाता था साथ ही पदोन्नति आदेश में भी इसका उल्लेख किया जाता था. यदि शासकीय कर्मचारी इस पदोन्नति को छोड़ता है तो उसे पदोन्नति के एवज में पहले से दी जा रही क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाएगा.

उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ नहीं

राज्य सरकार ने अब कर्मचारियों की क्रमोन्नति योजना में बदलाव करते हुए प्रावधान किया है कि यदि इस योजना में कोई कर्मचारी उच्चतर वेतनमान का लाभ लेने के बाद पदोन्नति लेने से इंकार कर देता है तो कर्मचारी को पहले से मिलने वाली बढ़ी हुई सेलरी के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा, लेकिन ऐसे कर्मचारी को भविष्य में किसी भी उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ नहीं दिया जाएगा. राज्य सरकार ने इस नए नियम को अब लागू कर दिया है.

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कर्मचारी संगठनों ने किया विरोध

मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए कहा कि "कर्मचारियों के सामने कई बार ऐसी परिस्थिति होती है कि उसे मजबूरन पदोन्नति का लाभ छोड़ना होता है. पदोन्नति के बाद कई बार ट्रांसफर हो जाता है, ऐसे में पारिवारिक स्थिति को देखते हुए कई बार कर्मचारी न चाहते हुए भी इसे छोड़ देते हैं. इसलिए सरकार को इस मामले में सहानुभूति के तौर पर फिर से विचार करना चाहिए."

Last Updated : Aug 30, 2024, 8:13 PM IST
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