देहरादूनः भारत सरकार ने पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता नामक योजना के तहत देश के 23 राज्यों के 40 पर्यटक स्थलों के विकास के लिए 3 हजार 295 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत कर दी है. जिसका लाभ योग और पर्यटन नगरी, ऋषिकेश को भी मिला है. इस योजना के तहत आइकॉनिक सिटी ऋषिकेश में आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा.
ऋषिकेश में राफ्टिंग के शुरुआती स्थान ब्रह्मपुरी, शिवपुरी, मरीन ड्राइव और कौड़ियाला के साथ ही राफ्टिंग के समापन स्थान नीम बीच, लक्ष्मण झूला और जानकी झूला में अभी तक राफ्टिंग रोमांच की बुकिंग के लिए एक बेहतर प्रणाली डेवलप नहीं हो पाई है. इसके अलावा, शौचालय और कपड़े बदलने के लिए उचित स्थान की व्यवस्था जैसी सुविधाओं का अभाव के साथ-साथ सुरक्षा प्रावधानों में कमी और ऋषिकेश-तपोवन-शिवपुरी कॉरिडोर पर यातायात से होने वाली भीड़ भी अन्य मुद्दों में शामिल है.
परियोजना का मुख्य उद्देश्य: राफ्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का मुख्य उद्देश्य ऋषिकेश के राफ्टिंग पर्यटन में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कमियों को दूर करना है. इस परियोजना का उद्देश्य अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर राफ्टिंग संचालन को केंद्रित करने के साथ ही अधिक धन खर्च करने की क्षमता वाले पर्यटकों को आकर्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानकीकृत बुकिंग प्रणाली और बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है. इस परियोजना से पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए शौचालय, कपड़े बदलने के लिए व्यवस्था और सड़क किनारे खानपान की छोटी दुकानों समेत अन्य सुविधाओं से परिपूर्ण केंद्रीकृत राफ्टिंग बेस स्टेशन का विकास करना है.
ट्रैफिक पर विशेष ध्यान: परियोजना में तपोवन क्षेत्र में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण और सुरक्षा को बेहतर करने के लिए आईटीसी आधारित निगरानी सिस्टम को लागू करना भी शामिल है. इसके साथ ही पर्यावरण को बढ़ावा देने और क्षेत्र के इको सिस्टम को बनाए रखने के लिए एक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम भी तैयार किया जाएगा. इस परियोजना के जरिए करीब 1500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. हालांकि, इस योजना के लिए राज्य सरकार जमीन मुहैया कराएगी. साथ ही इसे लागू भी राज्य सरकार ही करेगी. इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 66 फीसदी धनराशि राज्य को जारी कर दी है. पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए दो साल की समय सीमा रखी गई है, जिसका समय-समय पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय मॉनिटरिंग भी करेगा.
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