बागेश्वर: राज्य सरकार के निर्देश पर बागेश्वर में रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वाधान में जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान में आपदा रिलीफ मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. मॉकड्रिल में सौ से अधिक डीएलएड प्रशिक्षुओं और विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया. मॉकड्रिल में आपदा के दौरान विषम परिस्थितियां आने पर उनसे निपटने के बचाव कार्य का अभ्यास किया गया.
बागेश्वर जिला भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से जोन पांच में आता है. यहां प्राकृतिक आपदाएं अक्सर होती रहती हैं. आपदा के वक्त में लोगों को खोज और बचाव की आवश्यकता रहती है. इसी के तहत मॉकड्रिल में भूकंप आने के बाद आपदा की स्थिति पर एसडीआरएफ, आपदा विभाग, रेडक्रॉस ने प्रतिभाग किया.
मॉकड्रिल में सभी टीमों ने आपस में समन्वय बनाते हुए दिए गए टास्क पर काम किया. ट्रेनर भुवन चौबे ने बताया कि आपदा आने पर हड़बड़ाने की बजाय संयम से काम लेना चाहिए. आपदा में धैर्यपूर्वक कार्य करके लोगों की जान बचाई जा सकती है. आपदा के दौरान राहत, खोज और बचाव कार्य जितना अधिक महत्वपूर्ण है, उतना ही आपदा न्यूनीकरण भी है.
मॉकड्रिल में रेडक्रॉस की टीम ने जहां घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास किया गया, वहीं एसडीआरएफ की टीम ने रास्तों में गिरे पेड़ों को काट कर लोगों के लिए रास्ता खोला. वहीं रास्ते में लगी आग को फायर टीम ने त्वरित कार्रवाई कर बुझाया.
मॉकड्रिल में एसडीआरएफ की टीम ने रस्सी के सहारे घायलों को आपदाग्रस्त क्षेत्र से निकाल कर एंबुलेस की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाने का भी अभ्यास किया. रेडक्रास के जिला सचिव आलोक पांडे ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय समय पर आपदा के समय राहत और बचाव की कार्रवाई के लिए मॉकड्रिल किया जाता है, ताकि आपदा के समय लोगों को त्वरित मदद मिल सके.
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