जमशेदपुरः विधायक सरयू राय ने बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के द्वारा भाजपा के साथ सरकार बनाने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कई दिनों से ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले हैं. इसको लेकर मैंने पहले ही कहा था और हुआ भी वही. राजनीति में प्रतिदिन नए-नए रिकार्ड भी बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि खाली नीतीश कुमार ही पलटते हैं यह कहना सही बात नहीं होगी. नीतीश कुमार तो मुख्यमंत्री के पद पर हैं, बाकी लोग ही उनसे सटते और हटते हैं. फिर एक बार सटाओ-हटाओ हुआ है. उन्होंने कहा कि यह सरकार राज्य के हित में काम करे, जो दो साल पहले नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर काम करना चाहते थे, अब उस सोच को अंजाम देने का समय आ गया है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा भी ऐसा कोई काम नहीं करे जिस वजह से दो साल पहले इन्हें भाजपा का साथ छोड़ना पड़ा था. उन्होंने कहा कि यह नई सरकार राज्य के हित में होगी.
बिहार में बदलाव का झारखंड की राजनीति पर असर नहीं पड़ेगाः विधायक सरयू राय ने कहा कि बिहार में सियासी बदलाव का असर झारखंड की राजनीति में नहीं पड़ेगा, बल्कि बिहार में कांग्रेस टूटेगी और झारखंड में कुछ नेता इस प्रकार के वक्त का इंतजार कर रहे हैं, ताकि झारखंड में भी नेताओं को ऐसा मौका मिल सके, लेकिन झारखंड में इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
ईडी के पास जाना चाहिए मुख्यमंत्री कोः झारखंड में तो केवल ईडी का संकट है. ईडी ने जिस प्रकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चेतावनी दी है तो मुख्यमंत्री को ईडी के सामने पेश होना चाहिए. अगर वह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होंगे तब ईडी को अधिकार है कि वह इस मामले में जबरदस्ती पूछताछ करे और ऐसा भी हो सकता है मुख्यमंत्री से बिना पूछे ही मामले में चार्जशीट दाखिल कर दिया जाए और कोर्ट से आदेश लेकर कार्रवाई हो सकती है. मुख्यमंत्री के जो भी सलाहकार हैं, वह मुख्यमंत्री को सही सलाह दें. क्योंकि कानून के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोई भी न्यायालय ईडी को पूछताछ करने से रोक नहीं सकता है.
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