चंडीगढ़: कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द (MLA Membership Cancelled Case) करने को लेकर कांग्रेस ने याचिका लगाई थी. ये याचिका खारिज हो गई है. जिसके बाद कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर की मंशा पर सवाल उठाए. कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों का विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने जोरदार पलटवार किया है.
स्पीकर का कांग्रेस पर निशाना: विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि आरोप लगाना बहुत आसान है. कांग्रेस के पास बड़े-बड़े डिग्री होल्डर हैं. जो भी याचिका लगाई जाती है. वो सही तरीके से लगाएं. जो खुद को लॉ ग्रेजुएट समझते हैं, तो रूल्स के मुताबिक ही याचिका लगाएं. अगर रूल्स की किताब उन्होंने नहीं पढ़ी, मेरा तो इसमें कोई कसूर नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरफ से पहले नोटिस दिया गया, फिर उसका रिमाइंडर दिया. उन्होंने कहा कि एक बार याचिका खारिज होने के बाद उन्हें रूल्स की किताब पढ़ लेनी चाहिए थी. मुझे तो शक हो रहा है की डिग्री कहीं नकली तो नहीं है.
कांग्रेस को रूल्स के बारे में बताया: उन्होंने कहा कि किसी सदस्य की सदस्यता रद्द करने के लिए नियमों के मुताबिक पिटीशन लगाने का प्रावधान है, लेकिन उन्होंने नोटिस दिया. इसके साथ ही पिटीशनर को नियम के मुताबिक हस्ताक्षर करने होते हैं, और उसको वेरीफाई करना होता है. इसके साथ ही सभी एनेक्सचर पर साइन करने होते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. कांग्रेस ने रूल के मुताबिक पिटीशन नहीं लगाई थी. पिटीशन लगाने के लिए जो नियम हैं. उसके मुताबिक कांग्रेस ने उसमें कमियां रखी थी. इसलिए उनकी पिटीशन को मैंने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अब फिर से उनकी एप्लीकेशन आई है. अगर वो सही होगी, तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. अगर उसमें कमियां होंगी, तो वो भी खारिज हो जाएगी.
विपक्ष के आरोपों का दिया जवाब: कांग्रेस ने स्पीकर पर देरी से कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्य सुरेंद्र पंवार ने धमकी के बाद मुझसे मिलकर रिजाइन दिया था. फिर भी मैंने उनसे कहा कि आप थोड़ा सोच लें, उसके बाद फैसला लें, लेकिन बाद में उन्होंने अपना रेजिग्नेशन वापस ले लिया. अगर मेरी कोई गलत नीयत होती, तो उसी समय उनका रिजाइन ले लेता. कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता तुरंत रद्द करने पर उन्होंने कहा कि कोर्ट का ऑर्डर मेरे पास आ चुका था, तो मैं उनकी सदस्य का क्यों रद्द ना करता. जबकि बाद में भी उनके मामले में हिमाचल हाई कोर्ट का फैसला आया, तो मैंने उनकी सदस्यता बहाल कर दी थी. उस वक्त भी मेरी मंशा स्पष्ट थी.
किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता पर दिया जवाब: एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किरण चौधरी अभी भी विधानसभा की सदस्य हैं. वो अभी भी कांग्रेस की विधायक हैं. इसलिए विधानसभा में वो अभी भी वहीं बैठेंगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में वक्त आने पर किरण चौधरी को भी उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. उन्होंने जेजेपी के दो विधायकों की सदस्यता रद्द करने के मामले पर कहा कि 2 विधायकों के खिलाफ थर्ड पर्सन द्वारा याचिका आई, उसको हमने मंजूर किया. हमारे रूल्स के मुताबिक सिर्फ सदस्य ही याचिका लगा सकते हैं. फिर भी हमने इसे एक्सेप्ट किया है. हमने उनके विधायकों को चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है. हालांकि जेजेपी इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग कर रही है. हम उस पर भी विचार करेंगे.