कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव शुरू हो चुका है, जो 15 दिसंबर तक चलेगा और आज तक के इतिहास में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ऐसा हुआ है. जहां पर ब्रह्म सरोवर के परिसर में लोगों की सुरक्षा के लिए बाउंसर तैनात किए गए हैं. जिनके हाथ में लाठी भी दी हुई है. यह बाउंसर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा तैनात किए गए हैं.
बाउंसर मामले में क्या बोले विधायक: मिली जानकारी के अनुसार कुरुक्षेत्र पुलिस अधीक्षक से इस बारे में कोई भी चर्चा नहीं की गई. ऐसे में क्या हरियाणा सरकार और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को कुरुक्षेत्र पुलिस पर विश्वास नहीं कि वह यहां पर सुरक्षा दे सकती है. यह कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड पर बड़ा सवाल खड़ा होता है. अब इस मामले पर राजनीतिक सियासत भी तेज हो गई है. थानेसर से विधायक अशोक अरोड़ा ने इस मामले को लेकर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड पर जमकर हमला बोला है और बाउंसर को तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की है.
बाउंसर तैनात करने की निंदा: थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने गीता महोत्सव में बिंडे लेकर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा बाउंसर तैनात करने की कड़ी निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि यदि इन बाउंसरों को नहीं हटाया गया तो, इसकी शिकायत राज्यपाल हरियाणा, मुख्यमंत्री नायब सैनी तथा प्रदेश के मुख्य सचिव से करेंगे. अरोड़ा केडीबी मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे.
'सरकार और पुलिस प्रशासन की विफलता बाउंसर तैनाती': अरोड़ा ने कहा कि गीता जयंती एक धार्मिक उत्सव है. इस उत्सव में काले कपड़े पहने बिंडे लेकर बाउंसर तैनात करना शोभा नहीं देता. इससे पहले यह कभी नहीं हुआ. बाउंसरों की तैनाती सरकार व पुलिस प्रशासन की विफलता का प्रतीक है. इससे यह संदेश जाता है कि पुलिस प्रशासन गीता महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल है. केडीबी का यह फैसला सरकार को भी कटघरे में खड़ा करता है. अरोड़ा ने कहा की यदि केडीबी को प्राइवेट सुरक्षाकर्मी को अगर तैनात करना था, तो किसी भी प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी से वर्दीधारी सुरक्षाकर्मी लेने चाहिए थे.
'बाउंसर तैनाती मर्यादा के खिलाफ': वैसे तो हरियाणा सरकार के पास होमगार्ड के जवान भी है और अक्सर ऐसे मौकों पर जिला पुलिस बाहर के जिलों से भी पुलिस बुला लेती है. लेकिन केडीबी ने बिंडे वाले बाउंसर तैनात करके सारी मर्यादाएं तोड़ दी है. अरोड़ा ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि यदि बाउंसर हटाने का फैसला वापस नहीं लिया गया, तो वह अपने स्तर पर मीडिया के सहायता से इसकी लड़ाई लड़ेंगे और किसी भी कीमत पर गीता उत्सव की मर्यादा को भंग नहीं होने देंगे.
'एसपी से नहीं ली बाउंसर तैनाती की सलाह': विधायक अशोक अरोड़ा ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले को लेकर एसपी कुरुक्षेत्र वरुण सिंगला से बातचीत की तो एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि गीता महोत्सव में बाउंसर तैनाती के मामले में उनसे कोई सलाह नहीं ली गई. यह निर्णय अपने स्तर पर केडीबी प्रशासन द्वारा लिया गया है. अरोड़ा के अनुसार एसपी ने कहा कि पुलिस प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है. यदि जरूरत पड़ी तो बाहर के जिलों से भी पुलिस बुलाई जा सकती है.
अशोक अरोड़ा की मांगों को पूरा करने का आश्वासन: पत्रकार वार्ता के पश्चात अशोक अरोड़ा तथा पूर्व विधायक मेवा सिंह ने केडीबी कार्यालय जाकर सीईओ पंकज सेतिया से मुलाकात करनी चाही. लेकिन सेतिया कार्यालय से नदारद मिले. जिस पर केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने विधायक अशोक अरोड़ा से मिलकर अपनी सफाई दी और आश्वासन दिया कि जो सुझाव और मांग अशोक अरोड़ा ने रखी है. उन्हें पूरा किया जाएगा.
आईडी समेत प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों की तैनाती: बाउंसर द्वारा बिंडे हाथ में लेकर घूमने का फैसला वापस लिया जाएगा और एक निश्चित वर्दी में प्राइवेट सुरक्षाकर्मी आईडी कार्ड सहित तैनात किए जाएंगे. जो स्थानीय लोग यहां पर रेहड़ी इत्यादि कई सालों से लगा रहे हैं. उन्हें निर्धारित स्थान पर रेहड़ी व फड़ी लगाने की इजाजत दी जाएगी. सिंघल ने कहा कि विधायक अरोड़ा हमारे सम्मानित विधायक होने के साथ-साथ केडीबी के पदेन सदस्य भी है. इसलिए उनकी सलाह व मार्गदर्शन हमारे लिए जरूरी है.