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मिथिला रंग महोत्सव का आयोजन 10 और 11 अगस्त को - Mithila Rang Mahotsav 2024

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 2:20 PM IST

Mithila Rang Mahotsav 2024: मैथिली साहित्य और रंगकर्म को देशभर में स्थापित करने के लिए मैथिली लोक रंग-मैलोरंग की स्थापना साल 2005 में की गई थी. मैलोरंग द्वारा हर साल मिथिला रंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस साल 10 से 11 अगस्त को मिथिला रंग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. दो दिन चलने वाले इस महोत्व में कई नाटक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

Mithila Painting
Mithila Painting (Canva)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मिथिलावासियों की कला, संस्कृति एवं साहित्य की सुप्रसिद्ध संस्था मैलोरंग यानि ‘मैथिली लोक रंग’ विगत सत्तह वर्षों से ‘मिथिला रंग महोत्सव’ का आयोजन करता आ रहा है. इस वर्ष यह अट्ठारहवां आयोजन है. इस आयोजन से हजारों की संख्या में मैथिली भाषी जुड़ते हैं. आयोजन में कलाओं के विभिन्न रूपों का प्रमुखता से प्रदर्शन किया जाता है. मुख्य केन्द्र बिंदु होता है मैथिली नाटकों का मंचन. इसके लिए देश की कई प्रमुख साहित्य संस्थाओं को, साहित्य कला प्रेमियों को आमंत्रित किया जाता है.

10 से 11 अगस्त को होगा आयोजन

इस वर्ष यह आयोजन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सम्मुख सभागार में आगामी 10 एवं 11 अगस्त को सायं 6 बजे से किया जाएगा. साथ ही आयोजन के पहले दिन यानि 10 अगस्त को इसकी शुरुआत ‘अष्ट्दल कला अकादमी’ की ओर से ‘दुर्गा-अष्टकम’ नृत्य से होगी. इसे अनुराधा कुमारी ने तैयार कराया है. इसी शाम दूसरा आयोजन साहित्य से संबंधित है, जिसमें विजया बुक्स’ प्रकाशन द्वारा संतोष कुमार का लिखित पुस्तक का मैथिली अनुवाद जिसे डॉ. प्रकाश ने किया है, का लोकार्पण किया जाएगा. साथ ही तीसरे चरण में पांच कविताओं का मंचन रमण कुमार के मार्गदर्शन में ‘मंथन’ नाम से प्रस्तुत किया जाएगा. आयोजन का चौथा एवं अंतिम चरण ‘जय जोहार फॉउण्डेशन’ की ओर से सुप्रसिद्ध कथाकार स्व० हरिमोहन झा की रचना 'ग्रेजुएट पुतोहु' का मंचन ज्योति झा के निर्देशन में होगा. इस कहानी को प्रस्तुति आलेख के रूप में डॉ. प्रकाश झा ने तैयार किया है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हाट में अनानास और उसके बने प्रोडक्ट ने जीता दिल

झिझिया के झंकार से गूंज उठेगा सभागार

'मिथिला रंग महोत्सव' के दूसरे दिन यानि 11 अगस्त को कार्यक्रम की शुरुआत मिथिला की सुप्रसिद्ध लोक नृत्य 'झिझिया' से होगा. इस प्रस्तुति को 'अष्टदल' दिल्ली के बच्चों के द्वारा अनुराधा कुमारी की देख देख में तैयार किया गया है. इसके तुरंत बाद मिथिला की बेटी ‘सीता’ के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ‘जनकनंदिनी’ का मंचन किया जायेगा. यह नाटक मूलरूप से सीता के मनःस्थिति एवं उसके सम्पूर्ण जीवन पर केन्द्रित है. काव्यातम् रूप से लिखे इस आलेख में नृत्य, गायन और अभिनय तीनों का संगम देखने को मिलेगा. नाट्य प्रस्तुत ‘जनकनंदिनी’ को 'द साउण्ड ऑफ साइलेंस' से इंगित किया गया है. इस मार्मिक नाट्यालेख को रचा एवं निर्देशित किया है डॉ. प्रकाश झा ने. प्रस्तुति ‘मैलोरंग रेपर्टरी’ के पांच महिला कलाकारों को लेकर तैयार किया गया है.

हरियाली तीज पर महिलाओं में उत्साह, कार्यक्रम में फैशन और म्यूजिक का तड़का; खास अंदाज में किया सेलिब्रेट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मिथिलावासियों की कला, संस्कृति एवं साहित्य की सुप्रसिद्ध संस्था मैलोरंग यानि ‘मैथिली लोक रंग’ विगत सत्तह वर्षों से ‘मिथिला रंग महोत्सव’ का आयोजन करता आ रहा है. इस वर्ष यह अट्ठारहवां आयोजन है. इस आयोजन से हजारों की संख्या में मैथिली भाषी जुड़ते हैं. आयोजन में कलाओं के विभिन्न रूपों का प्रमुखता से प्रदर्शन किया जाता है. मुख्य केन्द्र बिंदु होता है मैथिली नाटकों का मंचन. इसके लिए देश की कई प्रमुख साहित्य संस्थाओं को, साहित्य कला प्रेमियों को आमंत्रित किया जाता है.

10 से 11 अगस्त को होगा आयोजन

इस वर्ष यह आयोजन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सम्मुख सभागार में आगामी 10 एवं 11 अगस्त को सायं 6 बजे से किया जाएगा. साथ ही आयोजन के पहले दिन यानि 10 अगस्त को इसकी शुरुआत ‘अष्ट्दल कला अकादमी’ की ओर से ‘दुर्गा-अष्टकम’ नृत्य से होगी. इसे अनुराधा कुमारी ने तैयार कराया है. इसी शाम दूसरा आयोजन साहित्य से संबंधित है, जिसमें विजया बुक्स’ प्रकाशन द्वारा संतोष कुमार का लिखित पुस्तक का मैथिली अनुवाद जिसे डॉ. प्रकाश ने किया है, का लोकार्पण किया जाएगा. साथ ही तीसरे चरण में पांच कविताओं का मंचन रमण कुमार के मार्गदर्शन में ‘मंथन’ नाम से प्रस्तुत किया जाएगा. आयोजन का चौथा एवं अंतिम चरण ‘जय जोहार फॉउण्डेशन’ की ओर से सुप्रसिद्ध कथाकार स्व० हरिमोहन झा की रचना 'ग्रेजुएट पुतोहु' का मंचन ज्योति झा के निर्देशन में होगा. इस कहानी को प्रस्तुति आलेख के रूप में डॉ. प्रकाश झा ने तैयार किया है.

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'मिथिला रंग महोत्सव' के दूसरे दिन यानि 11 अगस्त को कार्यक्रम की शुरुआत मिथिला की सुप्रसिद्ध लोक नृत्य 'झिझिया' से होगा. इस प्रस्तुति को 'अष्टदल' दिल्ली के बच्चों के द्वारा अनुराधा कुमारी की देख देख में तैयार किया गया है. इसके तुरंत बाद मिथिला की बेटी ‘सीता’ के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ‘जनकनंदिनी’ का मंचन किया जायेगा. यह नाटक मूलरूप से सीता के मनःस्थिति एवं उसके सम्पूर्ण जीवन पर केन्द्रित है. काव्यातम् रूप से लिखे इस आलेख में नृत्य, गायन और अभिनय तीनों का संगम देखने को मिलेगा. नाट्य प्रस्तुत ‘जनकनंदिनी’ को 'द साउण्ड ऑफ साइलेंस' से इंगित किया गया है. इस मार्मिक नाट्यालेख को रचा एवं निर्देशित किया है डॉ. प्रकाश झा ने. प्रस्तुति ‘मैलोरंग रेपर्टरी’ के पांच महिला कलाकारों को लेकर तैयार किया गया है.

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