कुल्लू: हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता को निहारने के लिए हर साल लाखों सैलानी प्रदेश का रुख करते हैं और यहां के पहाड़ों की ट्रेकिंग का भी मजा उठाते हैं, लेकिन कई बार ट्रेकिंग व अन्य कारणों के चलते सैलानी लापता भी हो जाते हैं और इससे हिमाचल के पर्यटन कारोबार पर भी इसका बुरा असर पड़ता है, क्योंकि सैलानियों के गुम होने के बाद लोग यहां की वादियों में आने से भी डरते हैं.
ऐसे में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भी सैकड़ों पर्यटक लापता हुए. गनीमत यह रही कि अधिकतर को तलाश लिया गया है, लेकिन अभी भी कई सैलानी ऐसे हैं जिनकी तलाश जारी है और उनके परिजनों के द्वारा तलाश करने के लिए इनाम की भी घोषणा की गई है. लापता सैलानियों में देसी व विदेशी दोनों शामिल हैं.
अभी तक नहीं मिल पाया पोलैंड का लापता टूरिस्ट
जिला कुल्लू की अगर बात की जाए तो बीते 32 सालों में कुल्लू जिले के इन ट्रेक में 113 पर्यटक लापता हुए. जिनमें से 93 लापता लोगों को पुलिस ने खोज लिया, लेकिन 20 लापता सैलानियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. पोलैंड के नागरिक ब्रूनो के गुम होने पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. इसके बाद पुलिस ने उसे खोजने के लिए काफी मशक्कत की और स्थानीय रेस्क्यू टीम का भी सहारा लिया गया, लेकिन इतनी कोशिश के बाद भी लापता का कोई पता नहीं चल पाया.
मई महीने से गायब 22 साल का युवक अभी तक नहीं मिला
अब उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-34 हाउस नंबर-171 के अक्षय सेठी पुत्र मनमोहन सेठी 29 मई 2023 को कसोल के ग्राहण से लापता है. 22 साल का अक्षय सेठी को पुलिस टीम ने हेलीकॉप्टर, ड्रोन व पैदल तलाश कर चुकी है, लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया है. 9 माह बाद अक्षय के पिता ने उसके बेटे को खेजने वाले को इनाम देने की घोषणा की है. उनके मुताबिक हिमाचल में पर्यटकों के गुम होने पर अच्छा संदेश नहीं जाता है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर भी बेटे के लापता होने की सूचना शेयर की थी.
लापता होने वाले टूरिस्ट कई हैं जिनका आज तक कोई सुराग नहीं लगा
इससे पहले जिला कुल्लू की पार्वती घाटी में 31 मार्च 2022 को मुंबई का विशाल जडेजा ट्रेकिंग करने खीर गंगा गया था, लेकिन वो आज तक नहीं लौटा है. दिल्ली के मजनू का टिल्ला का ध्रुव अग्रवाल 9 नवंबर 2022 को लापता हुआ था, लेकिन पांच माह चाद उसका शव मिला था. उत्तर प्रदेश का अभिनय मिंगवाल 31 दिसबंर 2022 को मणिकर्ण घाटी से लापता हो गया था और 37 दिन बाद उस पर्यटक का शव मिला था.
लापरवाही टूरिस्ट पर पड़ती है भारी
जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में मणिकर्ण-खीरगंगा-पीन वैली, कसोल से मलाणा, मलाणा से चंद्रखणी, चंदखणी से नागर, कसील से रशोल से मलाणा से चंदखणी, रुमसू होते हुए नागर, कसील से बरौनी-खीरगंगा, मानतलाई, बुनकुनी ट्रैक, कसोल से कालगा, चुनचुनी खीरगंगा से वापस बरौनी व कलेल-रुदनाग-खीरगंगा ऐसे दुर्गम ट्रेकिंग रूट हैं जहां पर कई बार लापरवाही के चलते सैलानी खाई में भी गिर जाते हैं. कई बार सैलानी रास्ता भटक जाते हैं और वह वापस अपने होटल तक नहीं पहुंच पाते हैं.
इन देशों के टूरिस्ट हैं लापता
साल 1992 से लेकर अब तक कुल्लू जिले में लापता हुए पर्यटकों में से 20 का अभी तक पता नहीं चल पाया है. इनमें आस्ट्रेलिया के चार, इजराइल के तीन, अमेरिका के तीन, स्विटजरलैंड के दो, नीदरलैंड्स के दो और आयरलैंड, इंग्लैंड, इटली, रूस, कनाडा व युगोस्लाविया का एक-एक पर्यटक शामिल है.
SP कुल्लू ने की ये अपील
एसपी कुल्लू डॉक्टर गोकुल चंद्रन कार्तिकेयन और का कहना है कि कुल्लू पुलिस सैलानियों की सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रही है. ऐसे में समय-समय पर सैलानियों सहित पर्यटन कारोबारी से भी आग्रह किया जाता है कि वह ट्रेकिंग रूट के बारे में सैलानियों को सही तरीके से जानकारी दें. जो भी पर्यटक लापता चल रहे हैं. उन्हें तलाश करने के लिए भी कुल्लू पुलिस लगातार काम कर रही है.
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