ग्वालियर। जोर-शोर से आयोजित हुए मध्य प्रदेश लीग के पहले आयोजन में ही प्रबंधन की कमियां उजागर हुई हैं. हैरानी की बात यह है कि गैलरी और कुर्सियां खाली थीं, फिर भी प्रबंधन ने दर्शकों का प्रवेश काफी पहले ही बंद कर दिया. जिसका नतीजा यह हुआ कि बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई. रात को प्रवेश से वंचित रहे लोगों ने स्टेडियम के बाहर जमकर हंगामा किया. जबकि पुलिस ने लोगों पर लाठियां भांजी और उन्हें को खदेड़ा. इस दौरान कई लोग घायल हो गए. जिसमें पुलिस कर्मी सहित दर्शक भी शामिल हैं.
अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा एमपीएल
घायल हुए दर्शक ने बताया कि प्रवेश नहीं मिलने के बाद जब वो वापस लौट रहा था, तभी कुछ पुलिस वालों ने उसके सिर और चेहरे पर लाठी मारी. जिससे वो लहूलुहान हो गया. दरअसल तीस हजार की क्षमता वाले क्रिकेट स्टेडियम में शाम 6 बजे से ही अधिकांश गेट को बंद कर दिया गया था. जिसके कारण कई लोग स्टेडियम के बाहर खड़े रह गए. अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़े इस फाइनल मैच में कई लोगों के चोटिल होने की भी खबरें हैं.
IPS मनोज शर्मा और अभिनेता शरद केलकर फाइनल मैच देखने पहुंचे
बता दें 12th फेल के प्रेरणा स्रोत व आईपीएस अफसर मनोज शर्मा और बॉलीवुड कलाकार शरद केलकर फाइनल मैच देखने के लिए विशेष रूप से यहां आए थे. उन्हें भी मैच खत्म होने के बाद निकलने के लिए खासी मशक्कत करना पड़ी. हालांकि आयोजन के अध्यक्ष महाआर्यमन सिंधिया ने कहा कि 'बड़े आयोजन में कुछ कमियां रह जाती हैं, लेकिन आने वाले टूर्नामेंट में इन कमियों को दूर कर लिया जाएगा.
भोपाल लेपर्ड और जबलपुर लॉयंस के बीच हुआ फाइनल
गौरतलब है कि बीसीसीआई सचिव जय शाह, पूर्व क्रिकेटर कपिल देव, सीएम मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में माधवराव सिंधिया स्टेडियम में 15 जून को एमपीएल की लॉन्चिंग की थी. जिसके बाद 8 दिनों तक अलग-अलग टीमों के बीच एमपीएल खेला गया. जहां रविवार को भोपाल लेपर्ड और जबलपुर लॉयंस के बीच फाइनल हुआ था. जबलपुर लॉयंस ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 250 रन का टारगेट दिया था. जिसे भोपाल लेपर्ड चेस नहीं कर पाई और हार का सामना करना पड़ा.