अजमेर. सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई बालिका ने निजी स्कूल प्रबंधन पर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. पीड़िता का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने उसे 12वीं की परीक्षा देने से रोक दिया. इतना ही नहीं बदनामी के डर से पीड़िता का नाम भी स्कूल से काट दिया. इस मामले में पीड़िता ने जिला बाल कल्याण समिति को मामले की शिकायत दी है.
जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अंजली शर्मा ने बताया कि चाइल्ड लाइन संस्था के प्रतिनिधि के साथ पीड़िता समिति आई थी. मामले की प्रारंभिक पड़ताल में निजी विद्यालय का गैर जिम्मेदाराना रवैया सामने आया है. पीड़िता के प्रति सहानुभूति दिखाने और उसे सहारा देने की बजाय स्कूल प्रबंधन ने उसे प्रताड़ित किया. मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है. बालिका को शिक्षा का पूरा अधिकार है, बालिका को उसका अधिकार दिलवाया जाएगा. गैर जिम्मेदार रवैये के विरुद्ध निजी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को लिखा जाएगा. साथ ही निजी स्कूल के संबंधित थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया जाएगा. शर्मा ने बताया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी रिक्वेस्ट की जाएगी कि पूरक परीक्षा के जरिए पीड़िता की परीक्षा ली जा सके, ताकि उसका साल बिगड़ने से बच जाए.
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पीड़िता ने बाल कल्याण समिति को दी शिकायत : पीड़िता ने जिला बाल कल्याण समिति को दी शिकायत में बताया कि कल प्रबंधन ने स्कूल से उसका नाम काट दिया, जिस कारण वह 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाई. उसके माता-पिता ने स्कूल प्रबंधन से मिन्नतें भी की, लेकिन वो नहीं माने. पीड़िता ने बताया कि अक्टूबर 2023 तक उसने स्कूल की फीस और 12वीं बोर्ड परीक्षा का फॉर्म और परीक्षा फीस भी वह भर चुकी है.
चाचा ने किया दुष्कर्म : पीड़िता ने बताया कि अक्टूबर 2023 में उसके चाचा समेत तीन लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. गेगल थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज है. पीड़िता का आरोप है कि इस घटना के बाद जब उसने स्कूल जाना जारी रखा, तब स्कूल की प्रिंसिपल और अन्य शिक्षिकाओं ने उसे स्कूल आने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि इससे स्कूल का नाम और माहौल दोनों खराब होगा.