जींद: जींद जिले की पांडू पिंडारा गांव में बुधवार को एक बाल विवाह का मामला सामने आया है. प्रशासन की टीम को इसकी सूचना मिली और वो फौरन हरकत में आ गई. इसके बाद टीम ने शादी समारोह स्थल पर धावा बोल दिया और तत्परता से कार्रवाई करते हुए बाल विवाह होने से बचा लिया. प्रशासन ने परिजनों को बाल विवाह के गैर कानूनी होने की जानकारी भी दी. साथ ही भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी भी दी . परिजनों ने कार्रवाई के बाद आश्वासन देते हुए कहा कि अब बेटी के बालिग हो जाने पर ही शादी की जाएगी.
प्रशासन के सूझ-बूझ से बाहर निकली सच्चाई: पूरे मामले की जानकारी देते हुए प्रशासन की टीम ने बताया कि पांडु पिंडारा गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी, जिसकी बारात फतेहाबाद से आई हुई है. इसको संज्ञान में लेते हुए सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान समेत कई प्रशासनिक महकमे लोग मौके पर पहुंच गए. प्रशासन ने लड़की की उम्र से जुड़े कागजात मांगे ताकि पता लगाया जा सके कि लड़की नाबालिग है या नही?. लड़की के परिजनों ने लंबे समय तक टाल-मटोल किया. लेकिन जब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया तो पता चला की लड़की की आयु 17 साल है, जबकि लड़का बालिग पाया गया.
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी: घर वालों की तरफ से कहा गया कि लड़की के माता-पिता अशिक्षित हैं, और लड़की के पिता बीमार रहते हैं. उनको कानून की बिलकुल भी जानकारी नहीं है. इसीलिए वो गलत कदम उठा रहे थे. फिर प्रशासन ने घर वालों को समझाया. अधिकारी ने घरवालों से कहा कि अगर आप नाबालिग लड़की की शादी करेंगे तो आप सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद उन्होंने दोबारा ऐसा ना करने का आश्वासन दिया.
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