भरतपुर. जिले के चिकसाना थाना की एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को 6 साल के लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला है. क्षेत्र के एक गांव में वर्ष 2018 में दो आरोपियों ने एक 15 वर्षीय नाबालिग को धोखे से घर बुलाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था. मामले में पॉक्सो कोर्ट प्रथम की न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई है.
पॉक्सो कोर्ट प्रथम के विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण जैन ने बताया कि चिकसाना थाना क्षेत्र के एक गांव में 4 नवंबर, 2018 की घटना है. नाबालिग के माता-पिता कहीं बाहर गए थे. घर पर 15 वर्षीय नाबालिग अकेली थी. पीछे से आरोपी पिंटू बहन द्वारा बुलाने की बात बोलकर नाबालिग को बहला फुसलाकर अपने घर बुला ले गया. वहां पर आरोपी प्रताप सिंह पहले से मौजूद था. दोनों आरोपियों ने नाबालिग को बांध दिया और बारी-बारी से दुष्कर्म किया.
जब पीड़िता के माता-पिता घर लौटे, तो नाबालिग ने पूरी घटना की जानकारी दी. पीड़िता के माता-पिता ने चिकसाना थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. तरुण जैन ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष ने 18 गवाह प्रस्तुत कराए और 20 दस्तावेज पेश किए. मामले में विशिष्ठ न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने तमाम गवाहों और सुबूतों के आधार पर दोनों आरोपियों को 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई है. दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.