कोरिया: जिले में एक सरकारी छात्रावास में रहने वाली नाबालिग छात्रा के मां बनने का सनसनीखेज मामला सामने आया. नाबालिग के बच्चे को जन्म देने के बाद नवजात को दफना दिया गया. पुलिस ने गांव वालों की सूचना पर शव बरामद किया. यह सोनहत थाना क्षेत्र का मामला है.
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में हुआ पोस्टमार्टम: जिला अस्पताल बैकुंठपुर में फॉरेंसिक एक्सपर्ट नहीं होने की वजह से नवजात के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका. शव को अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां फॉरेंसिक एक्सपर्ट और रेडियोलॉजिस्ट की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया गया.
आज पुलिस कांस्टेबल के द्वारा एक बॉडी लाया गया, जो एक अननोन फीमेल बच्चे की बॉडी थी. हमें बच्चे का एंड आइडेंटिफिकेशन और डीएनए वेरिफिकेशन के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत होती है. यह सुविधा अभी हमारे जिला अस्पताल में नहीं हैं. इसके लिए हमने बॉडी को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर पुलिस को हैंडओवर किया है ताकि आगे इनवेस्टिगेशन और सारी जानकारी प्राप्त की जाए. - डॉ पल्लवी पैकरा, शिशु रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल बैकुंठपुर
पीएम किया गया है, संभवतः बॉडी को दफनाने के बाद निकालकर लाया गया था. बॉडी डिकम्पोज हो गई थी. पीएम रिपोर्ट सम्बंधित थाने को भेज दी गई है"-डॉ. आर. सी.आर्या, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज अस्पताल
कोरिया में छात्रावास में इस तरह की घटना से हड़कंप मचा है. फिलहाल पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है. पुलिस इस केस से जुड़े सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच कर रही है.
कम उम्र के कारण छात्रा समझ नहीं पाई और प्रसव हो गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलेगा कि नवजात कितने माह का है. - कविता ठाकुर, एसडीओपी
सोनहत और चरचा पुलिस जांच में जुटी: नवजात के मिलने की घटना सोनहत थाना क्षेत्र की है. सोनहत थाना पुलिस अब केस की जांच में जुटी है. नाबालिग का घर चरचा थाना क्षेत्र में होने की वजह से चरचा पुलिस भी जांच कर रही है. कन्या छात्रावास की नाबालिग छात्रा के बच्चे को जन्म देने की खबर चारों तरफ फैली तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया. आदिवासी विकास कोरिया की जांच पर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने छात्रावास अधीक्षिका आशीष कुजूर को निलंबित कर दिया.