रायगढ़ : यातायात नियमों का पालन करना जरुरी है.क्योंकि नियमों का पालन नहीं करने पर दुर्घटनाएं होती है. कई बार दुर्घटना के बाद मौके से आरोपी भाग जाते हैं.ऐसे में पुलिस समेत घायल व्यक्ति की परेशानी बढ़ जाती है.समय पर इलाज नहीं मिलने पर घायल व्यक्तियों की मौत होने की खबरें भी सामने आई हैं.वहीं कई बार ऐसा भी देखा गया है कि नाबालिगों को गाड़ी की चाबी सौंप दी जाती है.इस वजह से भी दुर्घटना होती है.ऐसा ही एक मामला रायगढ़ में सामने आया.जहां नाबालिगों को लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाते पकड़ा गया.जब नाबालिगों को कोर्ट में पेश किया तो जज ने नाबालिगों को अनोखी सजा दी.जो समाज के लिए नजीर से कम नहीं है.
नाबालिगों को मिली अनोखी सजा : यातायात के नियम नहीं मानने पर किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट ने नाबालिगों को अनोखी सजा दी. सड़क दुर्घटना के दो मामले में आरोपित विधि के संघर्षरत बालकों को 7 दिनों तक दो-दो घंटे यातायात नियमों की जानकारी लेने और यातायात नियमों का पालन करवाने का दंड दिया दिया.इस दंड में दोनों ही नाबालिगों को यातायात नियमों की जानकारी लेने के साथ दूसरों को चौक चौराहे पर खड़े होकर यातायात नियमों को बताने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
कौन हैं आरोपी : आरोपित बालकों में एक थाना सरिया, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ और दूसरा थाना भूपदेवपुर क्षेत्र का रहने वाला है. यातायात पुलिस रायगढ़ ने न्यायालय के आदेशानुसार दोनों ही नाबालिगों को यातायात नियमों की जानकारी दी. इस दौरान दोनों नाबालिगों को ट्रैफिक के बेसिक नियम समझाएं. दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का इस्तेमाल करना, तीन से अधिक सवारी टू व्हीलर में नहीं बैठाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना, फोर व्हीलर चलाते वक्त सीट बेल्ट का इस्तेमाल करना,वाहन को पार्किंग वाली जगह पर लगाने के साथ नाबालिग होने पर वाहन नहीं चलाने के निर्देश दिए गए.इसी के साथ ओव्हर स्पीड,स्टंट,रस ड्राइविंग ना करने के साथ हमेशा बाई ओर वाहन चलाने की सीख दी गई.इस दौरान दोनों नाबालिगों ने दूसरे नाबालिगों को वाहन नहीं चलाने और यातायात के संकेतो के बारे में दूसरे लोगों को जानकारी भी दी. सजा अवधि समाप्त होने पर कोर्ट को दोनों नाबालिगों के बारे में जानकारी दी गई.