बरेली: पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में उनका पुतला फूंकने के आरोप में घिरे पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट ने दोष मुक्त कर दिया. मंत्री पर आरोप था कि जून 2010 में विधायक रहते हुए एक जनसभा के दौरान धर्मपाल सिंह और उनके समर्थकों ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पुतला दहन किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट ने 13 साल पुराने एक मामले में मंगलवार को दोष मुक्त कर दिया. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह पर आरोप लगा था कि 2010 में आंवला के विधायक रहने के दौरान एक जनसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का पुतला फूंका गया था. इसमें बरेली के थाना अलीगंज में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता ओमपाल की तहरीर पर आंवला के विधायक धर्मपाल सिंह और उनके कार्यकर्ता सचिन शर्मा व सूर्य प्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
विशेष लोक अभियोजक अंचित द्विवेदी ने बताया कि जून 2010 में दर्ज हुआ मुकदमा एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा था. इसमें कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के मामले को हाईकोर्ट ने वापस लेने की अनुमति दी थी. इसके बाद उत्तर प्रदेश शासन ने अभियोग वापसी का शासनादेश जारी किया था. उसके बाद विशेष लोक अभियोजन एमपी एमएलए अंचित द्विवेदी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह और उनके साथियों पर दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की. इसके बाद एमपी एमएलए विशेष अदालत ने मंगलवार को प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए कैबिनेट मंत्री और उनके साथियों के केस को वापस लेते हुए उन्हें दोष मुक्त कर दिया.
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