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दिल्ली में बिजली की कीमतें बढ़ाए जाने का मंत्री आतिशी ने किया खंडन, कहा- अफवाह फैला रही बीजेपी - No electricity price increase delhi - NO ELECTRICITY PRICE INCREASE DELHI

Atishi denies increasing electricity prices: हाल में दिल्ली बीजेपी ने राजधानी में सरकार द्वारा बिजली कीमतें बढ़ाए जाने का आरोप लगाया था. अब इसका मंत्री आतिशी ने खंडन किया है. क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं..

बिजली की कीमतें बढ़ाए जाने का मंत्री आतिशी ने किया खंडन
बिजली की कीमतें बढ़ाए जाने का मंत्री आतिशी ने किया खंडन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 10, 2024, 8:57 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में बिजली को लेकर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस बीच जहां दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और बीजेपी नेता अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली सरकार पर बिजली की कीमत बढ़ाने का आरोप लगाया है. वहीं, ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इसका खंडन करते हुए बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों पर निशाना साधा है.

दरअसल वीरेंद्र सचदेवा एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सरदार अरविंदर सिंह लवली ने कहा था कि दिल्ली सरकार की शह पर बिजली कंपनियां पीपीएसी (पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट) के रूप में जनता से एक मोटी रकम वसूल रही हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने गर्मी में अतिरिक्त बिजली खरीदने का कोई इंतजाम नहीं किया और न ही बिजली प्रबंधन का समर एक्शन प्लान बनाया. जब अप्रैल 2024 में गर्मी अपने पीक पर पहुंची तो पॉवर कट होने लगे, जिसके बाद पॉवर डिस्कॉम और दिल्ली सरकार ने अपना खेल शुरू कर दिया.

इसका खंडन करते हुए मंत्री आतिशी ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में बिजली की कीमतें सबसे ज्यादा है और वहां लोग बिजली कटौती से परेशान हैं. जबकि, दूसरी तरफ दिल्ली सरकार लोगों को देश में सबसे सस्ती बिजली मुहैया कराती है और लाखों लोगों को मुफ्त बिजली भी मिलती है. उन्होंने कहा कि 2003 के विद्युत अधिनियम के अनुसार, डिस्कॉम बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए गर्मियों में पीपीएसी को 10% तक बढ़ा सकते हैं, ये प्रावधान संसद में 2003 से अधिनियम पारित होने के बाद से लागू है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी यह अफवाह फैलाकर जनता को गुमराह कर रही है कि पीपीएसी के जरिए दिल्ली में बिजली की कीमतें बढ़ा दी गई हैं. हरियाणा के गुड़गांव, फरीदाबाद और यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों में लोगों को 8 घंटे की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है. बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गर्मियों के दौरान बिजली एक्सचेंज से बिजली खरीदी जाती है और इसलिए पीपीएसी गर्मियों में अधिक हो सकता है, खासकर हीटवेव के कारण.

यह भी पढ़ें- बिजली कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन, मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर बिजली कंपनियां चुनने के अधिकार देने की मांग

गौरतलब है कि वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि केजरीवाल सरकार के कहने से बीएसइएस राजधानी 25 अप्रैल, 2024 को डीईआरसी (दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग) सेक्रेटरी को पत्र लिखा कि हम पुराने परिपत्र के आधार पर पीपीएसी (पावर परचेस एडजसटमेंट चार्ज) में 8.75% की वृद्धि मई 2024 से जुलाई 2024 तक कर रहे हैं. इसके लिए डीईआरसी से अनुमति लेने की जगह बिजली कंपनी ने एक सूचना पत्र देकर नई वृद्धि को लागू कर दिया. उन्होंने कहा था कि सरकार एवं डिस्कॉम ने सांठगांठ की और 8.75 बढ़ा कर पीपीएसी 43.79% करने की इच्छा व्यक्त की है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं के बिल बढ़ रहे हैं. ऊर्जा मंत्री आतिशी बताएं क्या पावर डिस्काम को बिना डीईआरसी की पूर्व स्वीकृति के पीपीएसी बढ़ाने का अधिकार है?

यह भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों का ट्रांसफर रोकने पर जताई खुशी, कहा- फेल हो गया भाजपा का षड़यंत्र

नई दिल्ली: राजधानी में बिजली को लेकर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस बीच जहां दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और बीजेपी नेता अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली सरकार पर बिजली की कीमत बढ़ाने का आरोप लगाया है. वहीं, ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इसका खंडन करते हुए बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों पर निशाना साधा है.

दरअसल वीरेंद्र सचदेवा एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सरदार अरविंदर सिंह लवली ने कहा था कि दिल्ली सरकार की शह पर बिजली कंपनियां पीपीएसी (पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट) के रूप में जनता से एक मोटी रकम वसूल रही हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने गर्मी में अतिरिक्त बिजली खरीदने का कोई इंतजाम नहीं किया और न ही बिजली प्रबंधन का समर एक्शन प्लान बनाया. जब अप्रैल 2024 में गर्मी अपने पीक पर पहुंची तो पॉवर कट होने लगे, जिसके बाद पॉवर डिस्कॉम और दिल्ली सरकार ने अपना खेल शुरू कर दिया.

इसका खंडन करते हुए मंत्री आतिशी ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में बिजली की कीमतें सबसे ज्यादा है और वहां लोग बिजली कटौती से परेशान हैं. जबकि, दूसरी तरफ दिल्ली सरकार लोगों को देश में सबसे सस्ती बिजली मुहैया कराती है और लाखों लोगों को मुफ्त बिजली भी मिलती है. उन्होंने कहा कि 2003 के विद्युत अधिनियम के अनुसार, डिस्कॉम बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए गर्मियों में पीपीएसी को 10% तक बढ़ा सकते हैं, ये प्रावधान संसद में 2003 से अधिनियम पारित होने के बाद से लागू है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी यह अफवाह फैलाकर जनता को गुमराह कर रही है कि पीपीएसी के जरिए दिल्ली में बिजली की कीमतें बढ़ा दी गई हैं. हरियाणा के गुड़गांव, फरीदाबाद और यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों में लोगों को 8 घंटे की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है. बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गर्मियों के दौरान बिजली एक्सचेंज से बिजली खरीदी जाती है और इसलिए पीपीएसी गर्मियों में अधिक हो सकता है, खासकर हीटवेव के कारण.

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गौरतलब है कि वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि केजरीवाल सरकार के कहने से बीएसइएस राजधानी 25 अप्रैल, 2024 को डीईआरसी (दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग) सेक्रेटरी को पत्र लिखा कि हम पुराने परिपत्र के आधार पर पीपीएसी (पावर परचेस एडजसटमेंट चार्ज) में 8.75% की वृद्धि मई 2024 से जुलाई 2024 तक कर रहे हैं. इसके लिए डीईआरसी से अनुमति लेने की जगह बिजली कंपनी ने एक सूचना पत्र देकर नई वृद्धि को लागू कर दिया. उन्होंने कहा था कि सरकार एवं डिस्कॉम ने सांठगांठ की और 8.75 बढ़ा कर पीपीएसी 43.79% करने की इच्छा व्यक्त की है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं के बिल बढ़ रहे हैं. ऊर्जा मंत्री आतिशी बताएं क्या पावर डिस्काम को बिना डीईआरसी की पूर्व स्वीकृति के पीपीएसी बढ़ाने का अधिकार है?

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