रामपुर बुशहर: बकरी के दूध से तैयार किया गया घी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. ये घी खासकर उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो गाय-भैंस के दूध से बने उत्पादों को ठीक से पचा नहीं पाते. बकरी के दूध में कम वसा और उच्च प्रोटीन होता है, जिससे यह शरीर के लिए अधिक लाभकारी माना जाता है.
हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड की दुकानों में बकरी का घी उपलब्ध है. मिलफेड 1800 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अपने बूथ पर बकरी का घी उपलब्ध करवा रहा है. बकरी के दूध से बना घी न केवल एक उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद लाभकारी है. रामपुर बुशहर सहित अन्य क्षेत्रों में इस घी की मांग बढ़ रही है. बकरी के घी को डेंगू के मरीजों के लिए भी गुणकारी माना जाता है. डेंगू के मरीज ही इसकी सबसे अधिक खरीददारी कर रहे हैं. इस घी को ऊना में तैयार किया जा रहा है. यहां से इसे मिल्क फेड के अलग अलग बूथ पर सप्लाई किया जा रहा है.
बकरी के दूध से बने घी का उपयोग भारतीय पारंपरिक भोजन में सदियों से किया जाता रहा है. आयुर्वेद में इसे पाचन सुधारने और शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करने के लिए उपयोगी माना गया है. इसके नियमित सेवन से शरीर की ताकत और सहनशीलता बढ़ती है.
बकरी का घी प्रतिरक्षा प्रणाली को करता है मजबूत
वहीं, जानकारी देते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी रामपुर डॉक्टर प्रदीप शर्मा ने बताया कि, 'बकरी के दूध से बना घी शरीर के विभिन्न अंगों को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ शरीर में ऊर्जा का संचार भी करता है. यह घी विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य, पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होता है. इसके अलावा, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं.'
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