वाराणसी : बिजली विभाग में संविदा पर मीटर रीडिंग का काम करने वाले कर्मचारी चार महीने से वेतन न मिलने से परेशान हैं. इसे लेकर शनिवार को बिजली विभाग के मीटर रीडर कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव किया. उन्होंने 4 महीने से वेतन न मिलने और 32 महीने से इसी के जमा प्रोविडेंट फंड में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसके तत्काल निस्तारण की मांग की है.
इस बारे में पूर्वांचल विद्युत संविदा विद्युत मजदूर संघ के महामंत्री राजेश कुमार सिंह ने बताया कि बिजली विभाग के मीटर रीडर कर्मचारियों को 4 महीने से वेतन नहीं मिला है. हमारे ईपीएफओ और पीएफ के फंड के रुपयों को काटने के बाद 16 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है, जो कंपनी हमें संविदा पर रखे हैं, वह हमें सैलरी ही नहीं दे रही है. 4 महीने से हम एक-एक पैसे के लिए परेशान हैं.
उनका कहना था कि इन समस्याओं का समाधान बेहद जरूरी है जो भी फंड के पैसों में गड़बड़ी हुई है. उसकी जांच होनी चाहिए. कर्मचारियों का कहना था कि पिछले दिनों जब हड़ताल हुई थी तो बिजली विभाग के अधिकारियों ने उन संविदा कर्मियों को भी नौकरी से निकाल दिया, जो हड़ताल में शामिल भी नहीं थे. बार-बार कहने के बाद उन्हें वापस भी नहीं रखा जा रहा है. इसे लेकर हम लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन हमारी आवाज कोई नहीं सुन रहा है.
उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने हठ पूर्ण रवैया की वजह से संविदा कर्मियों का शोषण कर रहे हैं. हमारे घर में बच्चों के पेट भरने का भी पैसा हमारे पास नहीं है. कैसे हम घर का खर्च चलाएं और कैसे परिवार को पालें. विरोध प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का कहना था कि हम मेंटल टार्चर की स्थिति से गुजर रहे हैं. घर में रोज लड़ाई झगड़े हो रहे हैं. इस समस्या को जल्द ठीक करना होगा नहीं तो कर्मचारी एक साथ बड़े प्रदर्शन के लिए बढ़ेंगे.
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