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इस सप्ताह यूपी में जमकर होगी बारिश; उसम और गर्मी से जल्द मिलेगी राहत, मौसम वैज्ञानिक ने की भविष्यवाणी - Weather Forecast

लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर ने बारिश को लेकर अच्छे संकेत दिए हैं. उन्होंने बताया है कि यूपी में कब से बारिश होगी. आइए जानते हैं.

यूपी में इस सप्ताह अच्छी बारिश की संभावना.
यूपी में इस सप्ताह अच्छी बारिश की संभावना. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 5:13 PM IST

प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: मानसून में इस समय उतनी बारिश नहीं हो रही है, जितना लोगों ने उम्मीद की थी. मानसून की शुरुआत तो अच्छी हुई, लेकिन अब बारिश नहीं होने के कारण उमस से लोगों का हालत खराब है. विशेषज्ञ के मुताबिक मानसून में परिवर्तन हुआ है. कई जगह मानसून बनाने में देरी हो रही है. जिसके कारण बारिश नहीं हो रही है. उत्तर प्रदेश में बंगाल की खाड़ी वाला मानसून आता है. इस समय एलनीनो सक्रिय है. विशेषज्ञों का दावा है कि जितना इस समय लोग उमस से परेशान है, उतनी ही अच्छी बारिश भविष्य में होने वाली है. इस सप्ताह उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश होगी. पूर्वांचल के क्षेत्र में भी बारिश होने की संभावनाएं हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि बारिश की शुरुआत अच्छी हुई थी. क्योंकि उत्तर प्रदेश में बंगाल की खाड़ी वाली वर्षा होती है. इसलिए गोंडा, बस्ती, अयोध्या जैसे जिलों में अच्छी बारिश होती है. वहीं जैसे-जैसे पूर्वांचल की तरफ आगे बढ़ते हैं. वैसे-वैसे बारिश कम होती है. पिछले 10 वर्षों की अगर तुलना करें तो मानसून बनने का जो नमूना है, उसमें बदलाव हुआ है. एक ही शहर में कई लोग अलग-अलग क्षेत्रों रहते हैं. एक व्यक्ति जानकारी देता है कि बारिश हो रही है. वहीं, दूसरा शख्स कहता है कि हमारे क्षेत्र में बारिश नहीं हुई. इसी बात को कहा जाता है कि मानसून के पैटर्न में बदलाव हुआ है. कहीं बादल बन रहे हैं तो कहीं नहीं बन रहे हैं.

प्रोफेसर ने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश हो रही है. फिलहाल अभी यह पूरा महीना उमस भरा रहेगा. पूर्वांचल के क्षेत्र में कम बारिश हो रही है. हालांकि आखिरी में पूर्वांचल के क्षेत्र में भी अच्छी बारिश होगी. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते में पूर्वांचल के कई जिलों में बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है. फिलहाल इस समय जुलाई और अगस्त का जो दिन होता है वह उमस से भरा होता है. हल्की उमस के साथ बीच-बीच में बारिश होने की संभावना है.

जितनी उमस, उतनी अच्छी बारिश
प्रोफेसर ने बताया कि आमतौर पर हमेशा से देखा जाता है कि जुलाई अगस्त और अक्टूबर में बारिश होती है. इसमें उमस तो होती ही है. लेकिन, जब बारिश होती है तो उसे लोगों को राहत मिलती है. विज्ञान की दृष्टि से जितनी अधिक उमस होगी, उतनी अच्छी बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों का इस बार गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसके पीछे के कई कारण है. आज के समय में लोग दिनभर एसी में रहते हैं. कहीं बाहर आने जाने के लिए साइकिल का नहीं बल्कि कार का इस्तेमाल करते हैं. उस कार में भी एसी होती है. शहर में जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं. कल कारखाने संचालित हो रही हैं. इसके अलावा अनगिनत वाहन सड़कों पर लगातार दौड़ रही हैं. हजारों लोग अपने घरों में ऐसी लगाए हुए हैं घर के अंदर तो ठंडी हवा आ रही है लेकिन उसकी जो हिट है, वह पर्यावरण में जा रही है. यह सभी कारक जो है वह कहीं ना कहीं पर्यावरण को प्रभावित कर रहे हैं. जिसकी वजह से क्लाइमेट चेंज हो रहा है. इसलिए इतनी भयानक गर्मी भी हो रही है.

इसे भी पढ़ें-यूपी में 72 घंटे तेज बारिश का अलर्ट; सावधान रहें और मौसम पुर्वानुमान देखकर ही घर से निकलें

प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: मानसून में इस समय उतनी बारिश नहीं हो रही है, जितना लोगों ने उम्मीद की थी. मानसून की शुरुआत तो अच्छी हुई, लेकिन अब बारिश नहीं होने के कारण उमस से लोगों का हालत खराब है. विशेषज्ञ के मुताबिक मानसून में परिवर्तन हुआ है. कई जगह मानसून बनाने में देरी हो रही है. जिसके कारण बारिश नहीं हो रही है. उत्तर प्रदेश में बंगाल की खाड़ी वाला मानसून आता है. इस समय एलनीनो सक्रिय है. विशेषज्ञों का दावा है कि जितना इस समय लोग उमस से परेशान है, उतनी ही अच्छी बारिश भविष्य में होने वाली है. इस सप्ताह उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश होगी. पूर्वांचल के क्षेत्र में भी बारिश होने की संभावनाएं हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि बारिश की शुरुआत अच्छी हुई थी. क्योंकि उत्तर प्रदेश में बंगाल की खाड़ी वाली वर्षा होती है. इसलिए गोंडा, बस्ती, अयोध्या जैसे जिलों में अच्छी बारिश होती है. वहीं जैसे-जैसे पूर्वांचल की तरफ आगे बढ़ते हैं. वैसे-वैसे बारिश कम होती है. पिछले 10 वर्षों की अगर तुलना करें तो मानसून बनने का जो नमूना है, उसमें बदलाव हुआ है. एक ही शहर में कई लोग अलग-अलग क्षेत्रों रहते हैं. एक व्यक्ति जानकारी देता है कि बारिश हो रही है. वहीं, दूसरा शख्स कहता है कि हमारे क्षेत्र में बारिश नहीं हुई. इसी बात को कहा जाता है कि मानसून के पैटर्न में बदलाव हुआ है. कहीं बादल बन रहे हैं तो कहीं नहीं बन रहे हैं.

प्रोफेसर ने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश हो रही है. फिलहाल अभी यह पूरा महीना उमस भरा रहेगा. पूर्वांचल के क्षेत्र में कम बारिश हो रही है. हालांकि आखिरी में पूर्वांचल के क्षेत्र में भी अच्छी बारिश होगी. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते में पूर्वांचल के कई जिलों में बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है. फिलहाल इस समय जुलाई और अगस्त का जो दिन होता है वह उमस से भरा होता है. हल्की उमस के साथ बीच-बीच में बारिश होने की संभावना है.

जितनी उमस, उतनी अच्छी बारिश
प्रोफेसर ने बताया कि आमतौर पर हमेशा से देखा जाता है कि जुलाई अगस्त और अक्टूबर में बारिश होती है. इसमें उमस तो होती ही है. लेकिन, जब बारिश होती है तो उसे लोगों को राहत मिलती है. विज्ञान की दृष्टि से जितनी अधिक उमस होगी, उतनी अच्छी बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों का इस बार गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसके पीछे के कई कारण है. आज के समय में लोग दिनभर एसी में रहते हैं. कहीं बाहर आने जाने के लिए साइकिल का नहीं बल्कि कार का इस्तेमाल करते हैं. उस कार में भी एसी होती है. शहर में जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं. कल कारखाने संचालित हो रही हैं. इसके अलावा अनगिनत वाहन सड़कों पर लगातार दौड़ रही हैं. हजारों लोग अपने घरों में ऐसी लगाए हुए हैं घर के अंदर तो ठंडी हवा आ रही है लेकिन उसकी जो हिट है, वह पर्यावरण में जा रही है. यह सभी कारक जो है वह कहीं ना कहीं पर्यावरण को प्रभावित कर रहे हैं. जिसकी वजह से क्लाइमेट चेंज हो रहा है. इसलिए इतनी भयानक गर्मी भी हो रही है.

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