रांची: कभी संयुक्त बिहार की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही रांची का मौसम साल दर साल बिगड़ता जा रहा है. मौसम केंद्र रांची के आंकड़ें बताते हैं कि वैश्विक और स्थानीय वजहों से रांची में गर्मी, बरसात और ठंड के मौसम में परिवर्तन हुआ है.
मौसम केंद्र रांची के कार्यकारी निदेशक और वरीय मौसम पूर्वानुमान वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पहले रांची में गर्मी, बरसात और ठंड के दिनों की संख्या लगभग
बराबर हुआ करती थी. लेकिन अब के आंकड़ें कुछ और ही बयां करते हैं. उन्होंने बताया कि पहले मार्च, अप्रैल, मई और जून महीने में गर्मी हुआ करती थी. 15 जून से 15 अक्टूबर तक बरसात और नवंबर से फरवरी माह तक ठंड का मौसम रहता था. लेकिन अब बरसात और ठंड के दिनों की संख्या कम हो गयी है और गर्मी के दिन बढ़ गए हैं. पिछले तीन वर्षों के आंकडें बताते हैं कि राज्य में गिनती के दिन तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा है.
मौसम केंद्र के अनुसार जब ठंड के दिनों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होता है तो इसे कोल्ड वेव में गिनती की जाती है. अभिषेक आनंद ने बताया कि अब तो रांची में अत्यधिक ठंड वाला दिन मुख्यत 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक ही रहता है.
जानिए, क्या कहते हैं तीन वर्ष के आंकड़ेः
आइए, नजर डालें रांची में वर्ष वार कितना दिन ऐसा रहा जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा. वर्ष 2021 में दिसंबर के महीने में मात्र दो दिन ही दो दिन तापमान 10 डिग्री से कम रहा. वहीं जनवरी 2022 में 4 दिन और फरवरी 2022 में किसी दिन तापमान 10 डिग्री से कम नहीं रहा. इसी प्रकार दिसंबर 2022 में पूरे महीने किसी भी दिन तापमान 10 डिग्री से कम नहीं रहा. इसी प्रकार जनवरी 2023 में 10 दिन और फरवरी 2023 में मात्र एक दिन ऐसा रहा जहां तापमान 10 डिग्री से कम रहा. इसी तरह दिसंबर 2023 में भी मात्र 01 दिन ही तापमान 10 डिग्री से कम रहा. वहीं जनवरी 2024 में 03 दिन और फरवरी 2024 में 01 दिन ही ऐसा रहा जब तापमान 10 डिग्री से कम रहा.
हर दशक में 0.33 डिग्री बढ़ रहा अधिकतम तापमानः
मौसम केंद्र रांची के आंकड़ें बताते हैं कि वर्ष 2000 के बाद वर्षापात में भी कमी आयी है. वर्ष 2000 में जहां मानसून के दिनों का औसत वर्षापात 1092 मिलीमीटर थी. वह वर्ष 2010 में 1054 मिलीमीटर और वर्ष 2020 में और घटकर 1023 मिलीमीटर रह गयी है. वहीं हर दस साल में अधिकतम तापमान में 0.33 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस हिसाब से हर 30 साल में रांची का तापमान 01 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है जबकि न्यूनतम तापमान में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है. मौसम केंद्र के अनुसार अभी फरवरी महीने में ही रांची, जमशेदपुर, धनबाद, डाल्टनगंज सहित ज्यादातर जिलों का अधिकतम तापमान सामान्य से डेढ़ से 03 डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है.
बढ़ती जनसंख्या, पेड़ों की कटाई और शहरीकरण से मौसम में बदलावः
मौसम केंद्र रांची का आकलन है कि वर्ष 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद राजधानी के रूप में रांची का विकास हुआ है. इस विकास की वजह से पुराने पेड़ों को काटा गया, शहर बढ़े और जनसंख्या भी बढ़ी, इस वजह से मौसम भी बदला. लंबे दिनों तक यही स्थिति बनी रही तो यह जलवायु परिवर्तन का हिस्सा बन जाएगा. मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद कहते हैं कि मौसम में बदलाव या जलवायु परिवर्तन के वैश्विक कारणों को तो छोटे या स्थानीय स्तर पर दूर नहीं किया जा सकता. लेकिन पेड़, जंगल को बचाकर, नए नए पौधे लगाकर, ताल तलैया, नदियों को सुरक्षित रखकर स्थानीय स्तर पर जरूर बहुत कुछ कर सकते हैं.
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