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सिंह राशि में बुध ग्रह के वक्री होने से आर्थिक चुनौतियों में वृद्धि संभव - Budha rashi parivartan - BUDHA RASHI PARIVARTAN

वैदिक ज्योतिष में बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है.जन्मकुंडली में बुध ग्रह का स्थान व्यक्ति के जीवन में काफी महत्व रखता है और गोचर मे बुध का राशि परिवर्तन भी कुछ ऐसा ही महत्व रखता है.

आर्थिक चुनौतियों में वृद्धि संभव
आर्थिक चुनौतियों में वृद्धि संभव (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 4, 2024, 7:12 AM IST

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह व्यक्ति की चपलता, वाकपटुता कुशाग्र बुद्धि, संवाद क्षमता, बुद्धिमता, संचार गुण इत्यादि का कारक होता है. साथ ही समाज मे व्यापार,वाणिज्य, संचार व्यवस्था, वस्तुओं के विनिमय और आर्थिक संचालन का निर्धारण करता है. बीकानेर के ज्योतिर्विद आलोक व्यास के अनुसार शत्रु राशि में बुध के वक्री होने से समाज में आर्थिक चुनौतियों में वृद्धि हो सकती है, जिससे आय और व्यय में असंतुलन बढ़ने की संभावना है. 05 अगस्त 2024 को सुबह 9:44 पर बुध ग्रह सिंह राशि मे वक्री होंगे और वक्री अवस्था मे ही 22 अगस्त 2024 को कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे. 29 अगस्त 2024 को बुध ग्रह मार्गी होकर 4 सितंबर 2024 को पुनः सिंह राशि मे प्रवेश करेंगे और 24 सितंबर 2024 को कन्या राशि मे प्रवेश करेंगे. बुध ग्रह के सिंह राशि में वक्री होने से विभिन्न राशियों में निम्नलिखित उतार-चढ़ाव परिलक्षित हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: आज है श्रावण हरियाली अमावस्या, बन रहा है रवि पुष्य और सर्वार्थ सिद्धि योग - Hariyali Amavasya

  • मेष : रचनात्मक मनोवृति में वृद्धि, संतान संबंधी कार्यों में अधिक ऊर्जा, शेयर मार्केट में लाभ, प्रेम प्रसंग के अवसर।
  • वृषभ: भूमि/मकान/वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, गृह स्थान पर नवाचार, माता संबंधी चिंता, मन में बेचैनी।
  • मिथुन: अल्प दूरी की यात्रा के अवसर, छोटे भाई बहन अथवा अधिनस्थ से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, संप्रेषण कार्यों में लाभ, नए कार्य का नेतृत्व।
  • कर्क: पारिवारिक जिम्मेदारी की अधिकता, स्थाई परिसंपत्ति निर्माण के अवसर, वाणी अथवा नेत्र दोष की संभावना, सुरुचि भोज के अवसर।
  • सिंह: आत्ममनन अथवा आत्म चिंतन, एकांतवास, आत्म छवि को लेकर असंतुष्टि, मानसिक पीड़ा ।
  • कन्या: व्यय में बढ़ोतरी अथवा व्यापार में हानि, आर्थिक असंतुलन, लंबी दूरी यात्रा के अवसर, विदेश में लाभ के अवसर, अस्पताल संबंधी खर्च।
  • तुला: आय में बढ़ोतरी हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, बड़े भाई बहन से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता।
  • वृश्चिक: कार्यक्षेत्र में चुनौतियां, पिता अथवा उच्च अधिकारी से मतभेद, नौकरी में पदोन्नति हेतु प्रयास, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर सजगता।
  • धनु: धार्मिक यात्रा के अवसर अथवा धार्मिक अनुष्ठान, उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का सहयोग, नव संस्कृति से संपर्क।
  • मकर: मन में भय अथवा आशंका, नकारात्मक मानसिकता में वृद्धि, गुप्त विद्या की ओर रुझान, भूमिगत वस्तुओं से लाभ।
  • कुंभ: जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग, नव साझेदारी की इच्छा, जल यात्रा के अवसर, विवाह अथवा सगाई के योग।
  • मीन: रोग,ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, वाद विवाद में बढ़ोतरी, निकट संबंधों में खटास।

बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह व्यक्ति की चपलता, वाकपटुता कुशाग्र बुद्धि, संवाद क्षमता, बुद्धिमता, संचार गुण इत्यादि का कारक होता है. साथ ही समाज मे व्यापार,वाणिज्य, संचार व्यवस्था, वस्तुओं के विनिमय और आर्थिक संचालन का निर्धारण करता है. बीकानेर के ज्योतिर्विद आलोक व्यास के अनुसार शत्रु राशि में बुध के वक्री होने से समाज में आर्थिक चुनौतियों में वृद्धि हो सकती है, जिससे आय और व्यय में असंतुलन बढ़ने की संभावना है. 05 अगस्त 2024 को सुबह 9:44 पर बुध ग्रह सिंह राशि मे वक्री होंगे और वक्री अवस्था मे ही 22 अगस्त 2024 को कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे. 29 अगस्त 2024 को बुध ग्रह मार्गी होकर 4 सितंबर 2024 को पुनः सिंह राशि मे प्रवेश करेंगे और 24 सितंबर 2024 को कन्या राशि मे प्रवेश करेंगे. बुध ग्रह के सिंह राशि में वक्री होने से विभिन्न राशियों में निम्नलिखित उतार-चढ़ाव परिलक्षित हो सकते हैं.

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  • मेष : रचनात्मक मनोवृति में वृद्धि, संतान संबंधी कार्यों में अधिक ऊर्जा, शेयर मार्केट में लाभ, प्रेम प्रसंग के अवसर।
  • वृषभ: भूमि/मकान/वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, गृह स्थान पर नवाचार, माता संबंधी चिंता, मन में बेचैनी।
  • मिथुन: अल्प दूरी की यात्रा के अवसर, छोटे भाई बहन अथवा अधिनस्थ से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, संप्रेषण कार्यों में लाभ, नए कार्य का नेतृत्व।
  • कर्क: पारिवारिक जिम्मेदारी की अधिकता, स्थाई परिसंपत्ति निर्माण के अवसर, वाणी अथवा नेत्र दोष की संभावना, सुरुचि भोज के अवसर।
  • सिंह: आत्ममनन अथवा आत्म चिंतन, एकांतवास, आत्म छवि को लेकर असंतुष्टि, मानसिक पीड़ा ।
  • कन्या: व्यय में बढ़ोतरी अथवा व्यापार में हानि, आर्थिक असंतुलन, लंबी दूरी यात्रा के अवसर, विदेश में लाभ के अवसर, अस्पताल संबंधी खर्च।
  • तुला: आय में बढ़ोतरी हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, बड़े भाई बहन से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता।
  • वृश्चिक: कार्यक्षेत्र में चुनौतियां, पिता अथवा उच्च अधिकारी से मतभेद, नौकरी में पदोन्नति हेतु प्रयास, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर सजगता।
  • धनु: धार्मिक यात्रा के अवसर अथवा धार्मिक अनुष्ठान, उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का सहयोग, नव संस्कृति से संपर्क।
  • मकर: मन में भय अथवा आशंका, नकारात्मक मानसिकता में वृद्धि, गुप्त विद्या की ओर रुझान, भूमिगत वस्तुओं से लाभ।
  • कुंभ: जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग, नव साझेदारी की इच्छा, जल यात्रा के अवसर, विवाह अथवा सगाई के योग।
  • मीन: रोग,ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, वाद विवाद में बढ़ोतरी, निकट संबंधों में खटास।
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