नई दिल्ली: पंजाब के सीएम भगवंत मान और संजय सिंह दिल्ली की तिहाड़ जेल में जाकर अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने वाले थे लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने बाद में इस मुलाकात की इजाजत नहीं दी. जिसके बाद सांसद संजय सिंह ने तिहाड़ जेल प्रशासन पर यह गंभीर आरोप लगाया है कि पहले तिहाड़ जेल प्रशासन ने हमे इस मुलाकात के लिए टोकन नंबर दिया और फिर बाद में इस मुलाकात को कैंसिल कर दिया. उन्होंने कहा कि, "जेल के अधिकारी मोदी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं."
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भाजपाई आम आदमी पार्टी और @ArvindKejriwal को नैतिकता सिखाएंगे? ये वही लोग हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपए का चंदा लूटा। इन्होंने देशभर के भ्रष्टाचारी और घोटालेबाजों से हाथ मिलाया। ये हमें नैतिकता सिखाएंगे?
— AAP (@AamAadmiParty) April 10, 2024
ये उस अरविंद केजरीवाल को नैतिकता सिखाएंगे, जिसने देश के लिए IRS की नौकरी छोड़… pic.twitter.com/wDfJyrWjNC
तिहाड़ जेल को यातना घर बनाना चाह रही भाजपा: संजय सिंह ने मीडिया के सामने आकर कहा कि, हमारी अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात को क्यों और किसके दबाव में कैंसिल किया गया ये बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि यह "हास्यास्पद" है कि एक मुख्यमंत्री और एक सांसद की हमारी पार्टी सुप्रीमो के साथ बैठक रद्द कर दी गई है. क्या भाजपा दिल्ली की तिहाड़ जेल को यातना घर के रूप में बदलना चाहते हैं? जेल में खूंखार अपराधी भी अपने परिवार और वकील से बात कर सकते हैं लेकिन यह अधिकार अरविंद केजरीवाल से मोदी सरकार छीन रही हैं."
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अरविंद केजरीवाल को जेल में दी जा रही धमकी: AAP सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने अपने वकील से मुलाकात की थी और उस मुलाकात के दौरान उन्होंने एक संदेश भेजा कि जो चुने हुए विधायक हैं वे अपने क्षेत्र में जाएं, जनता की समस्याओं को सुनकर उसका समाधान करें. इस संदेश के ऊपर उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई. उन्हें धमकी दी जा रही है कि आपकी अपने परिवार से मुलाकात बंद कर दी जाएगी. अरविंद केजरीवाल अगर अपने वकीलों से नहीं मिलेंगे तो वो ये केस कैसे लड़ेंगे? क्या मुख्यमंत्री अपनी जनता की सेवा के लिए विधायकों को संदेश नहीं भेज सकता?