मेरठ: पेरिस ओलम्पिक 2024 की शुरुआत हो चुकी है. इसमें यूपी के भी कई खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं. मेरठ की प्रियंका गोस्वामी भी पेरिस में अपना इम्तेहान देने जा रही हैं. प्रियंका दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं. वह 20 किलोमीटर पैदल चाल प्रतियोगिता में देश की नंबर-1, एशिया की नंबर-3 और दुनिया की 30वें नंबर की एथलीट हैं. ईटीवी भारत की टीम ने मेरठ के माधवपुरम में प्रियंका गोस्वामी के घर पहुंचकर परिवार के सदस्यों से बात की.
पिता बोले, आज मेरी पहचना बेटी से है: प्रियंका के पिता मदनपाल गोस्वामी कहते हैं कि बड़ी तकलीफ और कठिनाई उनकी बेटी ने झेली है. उनकी बेटी की वजह से उनकी भी आज पहचान है, जहां भी जाते हैं लोग प्रियंका के पिता कहकर सम्मान देते हैं. वह तो परिवहन निगम में नौकरी करते थे. मुजफ्फरनगर जिले के गढ़मलपुर सागड़ी से लगभग 25 साल पहले यहां मेरठ आ गए थे.
रोडवेज की नौकरी छूटने पर भी हिम्मत नहीं हारी: इस बीच नौकरी भी छूट गई तो काफी तकलीफें जीवन में आ गईं. उतर चढाव झेले. कभी दुकान खोली, कभी किराए पर टैक्सी चलाई. लेकिन, कभी हिम्मत नहीं हारी. मदनपाल गोस्वामी बताते हैं कि कठिन परिश्रम उनकी बेटी ने किया है, अब सब बल्ले-बल्ले है.
प्रियंका के पिता ने बताया कि बेटी बचपन से ही होनहार है. जो भी काम करने की योजना बनाती है, उसमें जी जान से जुट जाती है. कॉमनवेल्थ गेम्स की पैदल चाल प्रतियोगिता में खुद को साबित करके देश के लिए मेडल दिलाने पर परिवार बेहद खुश हुआ था. अब से पहले भी ओलम्पिक गेम्स में प्रतिभाग प्रियंका क़र चुकी है, लेकिन तब वह मेडल से चूक गईं थीं.
पेरिस ओलंपिक के दो इवेंट में हिस्सा लेंगी प्रियंका: इस बार उसने पहले से ज्यादा मेहनत की है. इस बार वह दो अलग-अलग स्पर्धा में प्रतिभाग करने वाली है. फोन पर ही आजकल बात हो पा रही है. क्योंकि वह अभ्यास कर रही है.
प्रियंका गोस्वामी का अब तक का प्रदर्शन
- बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में रेस वॉकिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम प्रियंका ने किया था.
- थाईलैंड में आयोजित 25वीं एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रियंका गोस्वामी ने 20 किमी. पैदल चाल स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया था.
- 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स में प्रियंका ने 20 किमी रेस वॉक में चौथा स्थान हासिल किया था.
- 2021 में उन्होंने राष्ट्रीय ओपन रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में 20 किमी रेस वॉक में स्वर्ण पदक जीता था.
- प्रियंका ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था, हालांकि वहां उन्हें निराशा हाथ लगी थी. 17वें स्थान पर रही थीं.
- 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रियंका ने 10 किमी रेस वॉक में 43 मिनट 38.82 सेकंड का समय निकालते हुए रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया था.
पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के इवेंट
- एक अगस्त को 20 किमी रेस वॉक में प्रियंका गोस्वामी दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर प्रतिभाग करेंगी.
- दो अगस्त को 5,000 मीटर दौड़ का पहला राउंड होगा, जिसमें पारुल चौधरी रात्रि 9 बजकर 40 मिनट पर प्रतिभाग करेंगी.
- चार अगस्त को 3,000 मीटर स्टीपल चेज का पहला राउंड होगा, जिसमें पारुल चौधरी दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर प्रतिभाग करेंगी.
- पांच अगस्त को 5,000 मीटर दौड़ फाइनल, जिसमें पारुल चौधरी रात 12 बजकर 40 बजे प्रतिभाग करेंगी.
- छह अगस्त को 3,000 मीटर स्टीपल चेज फाइनल.
- सात अगस्त को मैराथन रेस वॉक रिले में प्रियंका गोस्वामी.
- सात अगस्त को भाला फेंक पहला राउंड अन्नू रानी.
- 10 अगस्त को भाला फेंक फाइनल होगा.
कोच ने पहले दिन ही कह दिया था, प्रियंका नाम कमाएगी: पिता बताते हैं कि जब बेटी को वह मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में उसे प्रशिक्षण के लिए लेकर गए थे और वहां उसके कोच गौरव त्यागी ने बेटी की प्रतिभा को पहचानकर भविष्यवाणी कर दी थी कि एक दिन प्रियंका परिवार और देश का नाम रोशन करेगी.
प्रियंका को दिक्कत ना हो इसलिए बेच दी थी जमीन: प्रियंका के पिता ने बताया कि उनके गांव में एक छोटा सा जमीन का टुकड़ा था. बेटी को प्रशिक्षण के लिए आवाजाही में समस्या ना हो, इसलिए उस जमीन को बेचकर प्रियंका को स्कूटर दिला दी थी.
मॉडलिंग में जाना चाहती थी प्रियंका गोस्वामी: मदनपाल कहते हैं कि उन्होंने किसी तरह परिवार की परवरिश जरूर कर ली लेकिन पूंजी कोई नहीं थी. जो कुछ पूंजी थी वह एक बेटी और एक बेटा ही थे. प्रियंका के पिता कहते हैं कि बेटी कभी मॉडलिंग में भी जाना चाहती थी. अपने सपने को पूरा करने के करीब भी थी.
वहीं दूसरी ओर प्रियंका ने जब जिले स्तर से लेकर मंडल स्तर और फिर प्रदेश स्तर और उसके बाद नेशनल लेवल पर प्रतियोगितओं में अपने प्रदर्शन से सभी को चौंकाया तो उन्हें भी बेटी पर नाज हुआ.
टोक्यो ओलंपिक में भी गई थीं प्रियंका गोस्वामी: रेसवॉकिंग गेम में प्रियंका को टोक्यो ओलंपिक का अनुभव है, जिसमें उन्हें जरा सी रफ्तार बढ़ाने पर ही पेनल्टी दे दी गई थी. ऐसे में प्रियंका पूरी सावधानी से अपनी गति बरकरार रखने का प्रयास करेंगी.
प्रियंका की भाभी ने बताया कि इस बार प्रियंका पेरिस ओलिंपिक में 20 किमी पैदल चाल और रेस वाक मिक्स्ड रिले में हिस्सा लेंगी. उनके ये गेम्स भी अलग-अलग दिन में होने हैं. उन्हें गर्व है कि वह जिस घर में ब्याही हैं उस परिवार को बहुत सम्मान मिलता है.
प्रियंका की सफलता के बाद भाई को मिली नौकरी: प्रियंका के पिता ने बताया कि बेटी की वजह से ही प्रियंका के भाई को नौकरी भी मिल गई है. क्योंकि, प्रियंका ने पूर्व में खेल मंत्री को बताया था कि उसके पिता बेरोजगार हैं और भाई के पास भी नौकरी नहीं है, जिसके बाद प्रियंका के भाई को नौकरी मिल गई. प्रियंका कान्हा जी को हमेशा अपने साथ रखती हैं.
पेरिस ओलंपिक के लिए प्रियंका गोस्वामी ने स्विट्जरलैंड में अभ्यास किया: गौरतलब है कि प्रियंका गोस्वामी ने स्विट्जरलैंड में अभ्यास किया है. जब बीते दिनों पीएम मोदी ओलम्पिक गेम्स में प्रतिभाग करने के लिए जाने वाले खिलाड़ियों के साथ ऑनलाइन जुड़े थे तो उन्होंने पैदल चाल ओलिंपियन एथलीट प्रियंका गोस्वामी से यह पूछा भी था कि प्रियंका तुम्हारे बाल कृष्ण कहा हैं.
प्रियंका के साथ हमेशा रहते बाल गोपाल: जिस पर प्रियंका ने बताया था कि बाल गोपाल भी उनके साथ स्विट्जरलैंड में ही हैं. प्रधानमंत्री के दोबारा यह पूछने पर कि क्या वह इस बार भी उन्हें ओलिंपिक में लेकर जा रही हैं, प्रियंका गोस्वामी ने जवाब दिया था कि यह उनका और बाल गोपाल का भी दूसरा ओलिंपिक है. प्रियंका की बात सुनकर स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी खिलाड़ी मुस्कुराए थे. फिलहाल परिवार का कहना है कि सभी अब एक अगस्त और सात अगस्त का इंतजार कर रहे हैं जब प्रियंका अपनी प्रतिभा दिखाएंगी.
पूर्व में ईटीवी भारत से बातचीत में प्रियंका गोस्वामी ने बताया था कि जिस तरह से पीएम मोदी खिलाड़ियों से रूबरू होते हैं, उससे खिलाड़ियों को भी लगता है कि उन्हें देश के लिए पदक जीतकर जाना है. मोदी जी खिलाड़ियों से मिलते हैं, तो मनोबल बढ़ना स्वाभाविक है.
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