मेरठ : भारतीय किसान संघ का प्रांतीय सम्मेलन सोमवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ. कार्यक्रम में यूपी के 20 से अधिक जिलों के कार्यकर्ता शामिल हुए. इस मौके पर किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी की मौजूदगी में सरकारी योजनाओं पर मंथन किया गया. इस दौरान हाल ही में केंद्र सरकार के बजट में सौ से अधिक नए बीज की किस्में ईजाद करने पर नकारात्मक प्रतिक्रिया सदस्यों ने दी.
राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकारें कोई भी निर्णय जबरदस्ती किसानों पर थोप नहीं सकती हैं. हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि बीजों के बाबत केंद्र सरकार कठोर कानून लाए. बीज खरीद के नाम पर किसानों से लूट बंद हो. अक्सर किसान बाजार से नई किस्म का बीज लाता है, लेकिन उनमें वैरायटी और क्वालिट नहीं होती. इससे किसान आर्थिक और मानसिक परेशानी झेल को मजबूर हैं.
बद्री नारायण चौधरी ने कहा कि राजस्थान के भरतपुर में जो सरसों सौ रुपये प्रति किलो बिकता है. वहीं बाजार में बीज के नाम पर साढ़े सात सौ रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है. ऐसा कई बीजों के साथ हो रहा है. देशी बिनौला बीटी कॉटन के नाम से बिक्री हो रहा है. इससे पशु नपुंसक हो रहे हैं. साथ ही लोगों के जीवन पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है. सरकार ने जल्द ही इस पर निर्णय नहीं लिया और सख्त कानून नहीं बनाया तो देश भर में आंदोलन चलाया जाएगा.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 109 बीजों की विभिन्न प्रजातियों को लेकर सुझाव दिया है कि हाईब्रिड बीज की उम्र 10 साल है. उसके बाद वह अपना मूल स्वरूप खो देता है. जब कोई नई पद्धति आती है तो किसानों तक आने में उस बीज को कई साल लग जाते हैं. तब तक उस हाईब्रिड बीज की समय सीमा भी कई बार समापन की ओर होती है. इस सब में किसान की हालत खराब हो जाती है.
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