लखनऊ : फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए प्रदेश के 1.10 करोड़ लोगों को मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत दवा खिलाई जाएगी. 14 जिलों में अभियान की शुरुआत सोमवार से हुई. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में देश के 13 राज्यों के 111 जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया गया. यह जानकारी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दी.
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रदेश के 14 जनपदों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम की शुरुआत आज से की जा रही है. प्रदेश के करीब एक करोड़ दस लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान के लिए 8816 टीमों अर 1763 पर्यवेक्षक लगाए गए हैं. अभियान के तहत 45 ब्लॉकों में टीमें और बूथ घर-घर जाकर दवा का सेवन कराएंगी.
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित आठ जनपदों, बलिया, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर और सोनभद्र के 19 ब्लॉकों में दो दवा डीईसी एवं अल्बेंडाजोल और छह जनपदों लखनऊ, उन्नाव, अमेठी, बरेली, प्रयागराज और बाराबंकी के 26 ब्लॉकों में तीन दवाएं डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन दवा खिलाई जाएगी.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि मच्छर से फैलने वाला रोग फाइलेरिया, जिसे हम हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं. किसी भी उम्र या वर्ग के लोगों को हो सकता है. बच्चों में इसका खतरा सबसे ज्यादा है. इसका विकराल स्वरूप मरीज को मच्छर काटने के 10 से 15 वर्षों के बाद दिखता है. फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में केवल एक बार फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन से हम इस बीमारी से बच सकते हैं. पिछले वर्ष भी फरवरी और अगस्त में इस अभियान को प्रदेश में व्यापक स्तर पर संचालित किया गया था. वर्चुअल कार्यक्रम में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे.
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