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मेडिकल जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब कम्प्यूटरीकृत होगी, सरकार ने हाईकोर्ट में दी जानकारी - ALLAHABAD HIGH COURT NEWS

डीजी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने निर्देशों को अमल में लाने का दिया आश्वासन.

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महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने शासनादेश जारी किया (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 14, 2024, 7:51 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश के बावजूद अब भी हस्तलिखित पोस्टमार्टम व मेडिकल जांच रिपोर्ट आने पर नाराजगी जताई है. साथ ही कहा कि मेडिकल जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को कम्प्यूटरीकृत करने की जवाबदेही डॉक्टरों व स्टाफ के अलावा सीएमओ व सीएमएस की भी है. महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने शासनादेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है.

इसके बाद भी इसके बावजूद अब भी हस्तलिखित पोस्टमार्टम व मेडिकल जांच रिपोर्ट आ रही है. कोर्ट सुनवाई के दौरान महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रत्नपाल सिंह सुमन व अपर शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्र के इस मामले में सहयोग की सराहना की और महानिदेशक को इसे पूरे प्रदेश में कड़ाई से लागू करने का एक और अवसर दिया है. कोर्ट ने पीलीभीत के करेली थाने में दर्ज पॉक्सो एक्ट व रेप के नाबालिग आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है.

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है. वसीम बनाम राज्य केस में अपर मुख्य सचिव गृह ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि मेडिकल जांच, चोट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब कम्प्यूटर से टाइप होगी. इसका पालन नहीं किया जा रहा है और करेली थाने इस मामले में हस्तलिखित रिपोर्ट दाखिल की गई, जो पठनीय नहीं है. कोर्ट ने इसे न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप माना और अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी व डायरेक्टर जनरल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा कि कोर्ट को दिए गए आश्वासन का अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है.

तीनों अधिकारियों ने बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि मेडिकल जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कम्प्यूटर टाइप कापी ही तैयार किए जाने के निर्देश के साथ सर्कुलर जारी किया जा चुका है. लापरवाह डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है. इसके लिए सॉफ्टवेयर बनाने की तैयारी प्रगति पर है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अस्पतालों पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं का नियंत्रण है.

आदेश जारी किए गए हैं. डीजी मेडिकल हेल्थ ने कहा कि सीएमओ पीलीभीत ने डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सीएमओ पीलीभीत आलोक कुमार ने भी कोर्ट से माफी मांगी. डीजी मेडिकल हेल्थ ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि पूरे प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मेडिकल जांच रिपोर्ट कम्प्यूटरीकृत टाइप कॉपी जारी की जाएगी. कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव विधि को भेजने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- अतुल सुभाष मोदी सुसाइड मामला: पत्नी सहित सिंघानिया परिवार के आरोपियों ने दाखिल की अग्रिम जमानत अर्जी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश के बावजूद अब भी हस्तलिखित पोस्टमार्टम व मेडिकल जांच रिपोर्ट आने पर नाराजगी जताई है. साथ ही कहा कि मेडिकल जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को कम्प्यूटरीकृत करने की जवाबदेही डॉक्टरों व स्टाफ के अलावा सीएमओ व सीएमएस की भी है. महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने शासनादेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है.

इसके बाद भी इसके बावजूद अब भी हस्तलिखित पोस्टमार्टम व मेडिकल जांच रिपोर्ट आ रही है. कोर्ट सुनवाई के दौरान महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रत्नपाल सिंह सुमन व अपर शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्र के इस मामले में सहयोग की सराहना की और महानिदेशक को इसे पूरे प्रदेश में कड़ाई से लागू करने का एक और अवसर दिया है. कोर्ट ने पीलीभीत के करेली थाने में दर्ज पॉक्सो एक्ट व रेप के नाबालिग आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है.

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है. वसीम बनाम राज्य केस में अपर मुख्य सचिव गृह ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि मेडिकल जांच, चोट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब कम्प्यूटर से टाइप होगी. इसका पालन नहीं किया जा रहा है और करेली थाने इस मामले में हस्तलिखित रिपोर्ट दाखिल की गई, जो पठनीय नहीं है. कोर्ट ने इसे न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप माना और अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी व डायरेक्टर जनरल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा कि कोर्ट को दिए गए आश्वासन का अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है.

तीनों अधिकारियों ने बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि मेडिकल जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कम्प्यूटर टाइप कापी ही तैयार किए जाने के निर्देश के साथ सर्कुलर जारी किया जा चुका है. लापरवाह डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है. इसके लिए सॉफ्टवेयर बनाने की तैयारी प्रगति पर है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अस्पतालों पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं का नियंत्रण है.

आदेश जारी किए गए हैं. डीजी मेडिकल हेल्थ ने कहा कि सीएमओ पीलीभीत ने डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सीएमओ पीलीभीत आलोक कुमार ने भी कोर्ट से माफी मांगी. डीजी मेडिकल हेल्थ ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि पूरे प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मेडिकल जांच रिपोर्ट कम्प्यूटरीकृत टाइप कॉपी जारी की जाएगी. कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव विधि को भेजने का निर्देश दिया है.

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